घोड़ी में चढ़ कर दुल्हन पहुंची ससुराल

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चमोली जिले के पाणा गांव में जब  दूल्हा जितार सिंह पगना गांव से सात फेरे के बाद अपनी दुल्हन कविता को लेकर आये । तो दुल्हन भी अलग  घोड़ी में सवार होकर अपने ससुराल पहुंची । पाणा गांव से दूल्हा जितार सिंह  की बारात  पगना गांव में दुल्हन कविता के घर  4 फिट बर्फ के बीच 8 किमी बारात पैदल पहुंचीं।

जब दूल्हा दुल्हन लेकर बाराती वापस पाणा गांव आये तो गांव की मान्यता के अनुसार देव ढुंगा नामक स्थान के बाद दुल्हन घोड़ी में सवार होकर अपनी ससुराल आईं। 

पुराने मान्यताअनुसार गाव के लोग बताते है कि पाणा गांव में मान्यता है कि बेटी हो या बहू  देव ढुंगा भीम ढुंगा नामक स्थान से आगे डोली या पालकी में बैठ कर नहीं आती या जाती हैं क्यों कि देव ढुंगा से आगे मां भगवती और भगवान शिव का पवित्र कैलाश है । यहां सिर्फ मां नन्दा ही डोली में बैठ कर  आयीं थी । इस लिये मान्यता का सम्मान कर बहू हो या बेटी शादी पर डोली में नहीं ओर न ही घोड़ी में चढ़ कर अपने ससुराला आती जाती है ।

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