राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तराखंड के 15 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग सम्पन्न हुआ

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14 जून 2025, शनिवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तराखंड के 15 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग (महाविद्यालयीन एवं व्यवसायी वर्ग) विक्रम संवत 2082, 30 मई शुक्रवार से 14 जून शनिवार 2025 तक सरस्वती विद्या मंदिर, नई टिहरी में संपन्न हुआ।
समापन कार्यक्रम के अवसर पर नागरिकों व स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता क्षेत्र प्रचारक श्रीमान महेंद्र जी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जो स्वरूप आज हमें दिखता है उसकी स्वाभाविक कल्पना डॉ. हेडगेवार जी ने संघ की स्थापना काल के समय 1925 में ही कर ली होगी। उनकी दूरदृष्टि से विशाल संगठन का स्वरूप दिखाई पड़ता है जो की 100 वर्षों की यात्रा पूर्ण कर रहा है। इसके लिए जहां समूचा समाज विशाल संगठन को अपने लिए खड़ा पता है वहीं गृहस्थ स्वयंसेवकों के परिवार, माताएं, बहने और संघ विचार के अहित चिंतक निरंतर इस कार्य के सहभागी रहे हैं। संघ सतत जिस कार्य को कर रहा है उसकी परिणिति संघ के स्वयंसेवकों की सक्रियता से समाज में सर्वत्र दिखाई देती है। संजय शताब्दी वर्ष के इस पड़ाव पर देखा है तो पता है कि महात्मा गांधी जी के दुर्भाग्यपूर्ण हत्या के बाद सरकार द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया किंतु सत्य कभी चित लाय नहीं जाता और यह ब्राह्मण प्रचार न्यायालय में सत्य सत्य हुआ ऐसी तरह से आपातकाल में भी संगीत के कार्यकर्ताओं को जेल में भर्ती आ गया प्रतिबंधित कर दिया गया लेकिन इसकी परिवर्तन के लहर में सत्याग्रह के आंदोलन में फिर संघ से प्रतिबंध हटाना पड़ा राम जन्मभूमि के समाज जागरण के प्रारंभ में 1992 में जो लहर चली। फिर प्रतिबंध लगा, संघ इन सारे संघर्षों से तप है निरंतर आगे बढ़ा है संघ के धैर्यवान निष्ठा मां कार्यकर्ताओं द्वारा देश, किसी भी दैवीय आपदा, युद्ध के समय सेना की सहायता, पीड़ितों तक सहायता में प्रवेश करके निरन्तर सेवा में लगा है।
और यह मान्यता स्पष्ट है कि भारत हिन्दू राष्ट्र है। इस पर किसी को कोई शंका नहीं करनी चाहिए। महाराष्ट्र प्राचीन राष्ट्रीय जिसने विश्व को बहुत कुछ दिया इसीलिए पूरा विश्व भारत को गुरु मानता था किंतु शिक्षा पद्धति देने ऐसे गलत उदाहरण प्रस्तुत किया कि जैसे विदेशियों ने हमारे देश की आविष्कार किया हो यहां के विज्ञान का आविष्कार उन्होंने किया है और उसको हम सत्य समझ बैठे हैं।
शताब्दी वर्ष में हम कई नए संकल्पों के साथ और निरंतर ने कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के साथ समाज में सेवा और संगठन शक्ति के आधार पर समाज परिवर्तन के लिए निरंतर कार्य करते रहेंगे। इसमें पांच परिवर्तन की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। जिसमें परिवार परंपरा, संयुक्त कुटुंब संगठन की शक्ति, समाज में समरसता और एकात्मता का भाव, पर्यावरण के प्रति हमारा समर्पण, धरती को बचाना, जल को बचाना, प्राकृतिक साधनों को बचाना, स्वधर्म, स्वसंस्कृति,स्वभाषा,स्वाभिमान, स्वदेशी के साथ-साथ नागरिक कर्तव्यों के प्रति समर्पण की श्रृंखला में हम सब लोग आगे बढ़ेंगे। जब 2 अक्टूबर 2025 में हम शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर शताब्दी वर्ष पूर्ण कर रहे हैं तब हम समाज में नगर-नगर, गांव-गांव में सघन संपर्क करेंगे और इसकी व्यापकता के लिए निरंतर कार्य करते हुए श्रेष्ठ और संगठित समाज और राष्ट्र के निर्माण में भारत माता की सेवा में संलग्न रहेंगे।

इसी क्रम में मुख्य अतिथि के रूप में करनल शूरवीर सिंह नेगी जी (से.नि.) सम्मिलित हुए और उन्होंने कहा ऐसे प्रशिक्षणों का उद्देश्य स्वयंसेवकों के भीतर आत्मविश्वास, संगठनात्मक भावना, अनुशासन तथा राष्ट्रभक्ति के बीज बोना रहा, जो आयोजन की संपूर्णता में स्पष्ट रूप से परिलक्षित हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ डॉक्टर साहब के सुदूर दृष्टि के कारण संघ का यह बीच विशाल वृक्ष बनकर आज विश्व का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन बन गया है और वहां राष्ट्र को संगठित शक्तिशाली और समर्थ समाज बनाने के लिए जन सामान्य आज राष्ट्र के लिए प्रेरित हुआ है।
कार्यक्रम में शिक्षार्थी स्वयंसेवकों द्वारा शारीरिक, योग, आसन, नियुद्ध ,दंड युद्ध कौशल,और घोष का सुन्दर प्रदर्शन किया गया।
इस अवसर पर प्रांत प्रचारक डा. शैलेंद्र, सह प्रांत प्रचारक चंद्रशेखर, प्रांत प्रचार प्रमुख संजय, सह प्रांत प्रचार प्रमुख हेम पांडे, सर्वाधिकारी संघ शिक्षा वर्ग कैलाश मैलाना, जिला संघचालक टिहरी सत्यप्रसाद सेमवाल, विभाग प्रचारक धनंजय सिंह, पारस, राहुल जी, मनोज जी राकेश बडोनी , रविन्द्र चौहान, सत्य सेमवाल,कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी,विधायक किशोर उपाध्याय, श्रीमति खंडेलवाल,नगरपालिका अध्यक्ष,…. एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक, युवा , स्त्री पुरुष उपस्थित रहे।

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