डोबरा-चांठी पुल के एंकर ब्लॉक की रिपोर्ट,CRRI ने लोनिवि को दी,

0
762

video
play-sharp-fill

अच्छी खबर–टिहरी झील के ऊपर बन रहे देश के सबसे लंबे डोबरा-चांठी सस्पेंशन ब्रिज के डोबरा ओर चांठी के दोनों तरफ बने पुल का वजन को सहन करने वाले पिलर यानी एंकर की एक साल से लटकी ट्रीटमेंट रिपोर्ट सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (CRRI) ने लोक निर्माण विभाग को सौंप दी है।

डोबरा-चांठी पुल का निर्माण कार्य वर्ष 2006 में शुरू हुआ था, लेकिन वर्ष 2010 में डिजाइन फेल होने के कारण इसे बंद हुआ चार साल में पुल निर्माण करते समय लगभग 1.35 अरब की रकम खर्च हो गई, परन्तु पुल नही बना, इसके बाद वर्ष 2016 में लोनिवि निर्माण खंड ने 1.35 अरब की लागत से दुबारा निर्माण कार्य शुरू किया। पुल का नया डिजाइन दक्षिण कोरिया की कंपनी योसीन से तैयार कराया गया। उसके बाद पुल के निर्माण कार्य तेजी से चल रहा था,की तबतक 23 अगस्त 2018 को पुल के चांठी साइड की ओर से तीन सस्पेंडर अचानक टूट गए।  

इसके बाद लोनिवि ने वर्ष 2008 में डोबरा चांठी पुल के दोनों तरफ बनाये गए एंकरों की जांच दिल्ली स्थित सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (CRRI) की टीम से 2018 में कराया गया। जिसकी रिपोर्ट सीआरआरआइ ने एक साल बाद भी लोनिवि को दी है,

डोबरा-चांठी पुल की कुल लंबाई 725 मीटर है। इसमें सस्पेंशन ब्रिज 440 मीटर लंबा है। इसमें 260 मीटर आरसीसी डोबरा साइड और 25 मीटर स्टील गार्डर चांठी साइड है। पुल की कुल चौड़ाई सात मीटर है, जिसमें मोटर मार्ग की चौड़ाई साढ़े पांच मीटर है। जबकि फुटपाथ की चौड़ाई 0.75 मीटर है। इसके बनने से प्रतापनगर और उत्तरकाशी के गाजणा क्षेत्र की बड़ी आबादी का आवागमन होगा,

डोबरा-चांठी पुल के प्रोजेक्ट इंजीनियर एवं अधिशासी अभियंता लोनिवि एसएस मखलोगा ने बताया कि CRRI की रिपोर्ट मिल गई है अब इस रिपोर्ट का अध्ययन किया जाएगा उसके बाद ही एंकर ब्लॉकों के ट्रीटमेंट का कार्य शुरू किया जाएगा। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here