गणित विषय न होने के कारण बच्चो को करना पड़ रहा है पलायन,इस स्कूल में बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ” का नारा हुआ खोखला साबित

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टिहरी जिले के नरेंद्रनगर विधानसभा के सबसे दूरस्थ इलाके में “पाव की देवी गणित विषय ना होने के कारण बच्चों को ऋषिकेश देहरादून व अन्य शहरों की तरफ रुख करना पड़ा है। इस इलाके में प्रसिद्ध मां भगवती पाव की देवी के नाम से इस स्कूल का नाम राजकीय इंटर कॉलेज पाव की देवी रखा गया। 23 ग्राम पंचायतों के केंद्रीय स्थल में स्थित है “पाव की देवी” इंटरमीडिएट कॉलेज,में गणित विषय न होने के कारण बच्चो को करना पड़ रहा है पलायन

नरेंद्र नगर विधानसभा में पट्टी दोगी क्षेत्र का सबसे पुराना है यह विद्यालय,कॉलेज में विज्ञान विषय तो पढ़ाए जाते हैं; मगर जब से स्कूल खुला तब से आजतक गणित विषय का कोई अधयापक नही आया जिस कारण यह गणित की पढ़ाई नही हो सकी और न ही अभी तक इस विद्यालय में गणित का पद सृजित,हो सका

क्षेत्रीय जनता वर्षों से कर रही है गणित विषय का पद सृजित करने की मांग,मगर प्रदेश सरकार अभी तक बहरी गूंगी बनी हुई है, सरकार ने मांग पर अभी तक नहीं दिया कोई ध्यान,
छात्र संख्या की दृष्टि से टिहरी जिले का यह सबसे अधिक छात्र संख्या वाला कालेज है,इस वक्त कॉलेज में 452 छात्र- छात्राएं अध्ययनरत हैं,

गणित विषय पढ़ने के प्रति रुझान रखने वाले बच्चों को 50 से 100 किलोमीटर दूर, ऋषिकेश, हरिद्वार, अथवा देहरादून जाने को मजबूर होना पड़ता है गरीब परिवारों के बच्चे आर्थिक तंगी के कारण गणित विषय पढ़ने से वंचित रह जाते हैं, क्योंकि आर्थिक तंगी के कारण वे दूर नहीं जा पाते,

वर्ष 1973-74 में जूनियर स्तर पर स्थापित यह विद्यालय आज इंटर कॉलेज के रूप में स्थापित है,क्षेत्र में जनता की मांग है कि इस विद्यालय में इंटर स्तर पर गणित विषय का पद सृजित किया जाए,क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों का कहना है कि यदि जनता की इस मांग को नहीं माना जाता तो उन्हें सड़क पर उतरने को बाध्य होना पड़ेगा,पट्टी दोगी के सुदूर गांव के बच्चे काफी दूर-दूर से इस विद्यालय में अध्ययन के लिए आते हैं,यहां रास्तों का बड़ा बुरा हाल है,सुबह और शाम झाड़ियों के बीच से बस्ते के बोझ तले ये बच्चे सर्दी और बरसात के प्रतिकूल मौसम में, इन झाड़ियों को बमुश्किल पारकर कॉलेज में पहुंचतेऔर घर आते हैं,जो बालिका गणित विषय पढ़ना चाहती है, मगर गणित पढ़ने का उसका सपना अधूरा रह जाता है, ऐसे में सरकार का “बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ” का नारा क्या खोखला साबित प्रतीत हो रहा है

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