ओणेश्वर महादेव मंदिर पहुँचे मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत

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टिहरी गढ़वाल के विधानसभा क्षेत्र प्रतापनगर स्थित ओणेश्वर माहदेव मंदिर परिसर में शिवरात्री के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय पर्यटन, सास्कृतिक एवं विकास मेले के समापन अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बतौर मुख्य अतिथि में रुप में शिरकत की।

मुख्यमंत्री के मंदिर परिसर में पंहुचने पर समिति एवं स्थानीय जनता ने भव्य स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने ओणेश्वर मंदिर में पूजा अचना की। इसके उपरान्त उन्होने मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर में नवनिर्मित पाण्डल का लोकार्पण किया। पाण्डल में उपस्थित जनता को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कई घोषाणयें की।

मुख्य मंत्री ने ओणेश्वर मंदिर में ओणेश्वर महादेव के दर्शन व पूजा अर्चना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों की पहल एवं टीएचडीसी सीएसआर मद से निर्मित भव्य पाण्डाल का लोकार्पण किया। मेले के समपान अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित स्थानीय जनता को सम्बोधित किया साथ ही कई घोषाणाएं भी की। घोषाणाओं में ओणेश्वर मंदिर का सौन्दर्यकरण, लम्बगांव में पार्किंग निर्माण, जाखणीधार क्षेत्रांतर्गत खोला मोटर मार्ग 1 किलोमीटर, मदननेगी-मोटणा मोटर मार्ग निर्माण, जाखणीधार में भद्रेश्वर मन्दिर मोटर मार्ग निर्माण, केन्द्रीय विद्यालय सौड मोटर मार्ग की मरम्मत शामिल है।

मेले के समापन अवसर पर उपस्थित जनता को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी डेम के बनने से प्रतापनगर क्षेत्र व्यपक रुप से प्रभावित हुआ है। उन्होने कहा कि डोबरा-चांठी पुल का निर्माणकार्य निर्बाध रुप से चलाते रहने व समय से पूरा करने के लिए सरकार ने 88 करोड़ रुपये की धनराशि एकमुश्त निर्माणदायी संस्था को उपलबध करायी है। कहा कि डोबरा-चाठी पुल का निर्माण कार्य जल्द जी पूरा होने जा रहा है। पुल के बन जाने से क्षेत्रीय जनता को जहां आवागमन में सुविधा होगी वहीं क्षेत्र में विकास कार्यो में गति आने के साथ ही योजनाओं के क्रियान्वयन में भी आसानी होगी। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की समस्याओं प्राथमिकता, पारदर्शिता व सटीक तरीके से निस्तारित कर रही है। कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2022 तक प्रदेश के प्रत्येक गांव को सड़क से जोडने का लक्ष्य रखा है जिनका निर्माण कार्य गतिमान है। इसके अलावा राज्य के प्रत्येक गाॅव के हर घर को विद्युत से जोड़ना, राज्य को खुले में शौच से मुक्त करने में सफलता हासिल की है। उन्होने कहा कि सरकार राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्थ करने का कार्य प्राथमिकता से कर रही है जिसमें उत्तराखण्ड अटल आयुषमान योजना के तहत एक वर्ष में 1 लाख 29 हजार मरीजो का निशुल्क ईलाज किया गया जिसपर कुल 112 करोड़ रुपये का व्यय सरकार द्वारा किया गया है। वही प्रदेश के दुरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं में गुणवत्ता व सुधार लाने के लिए 335 और चिकित्सकों की भर्ती की प्रक्रिया जारी है। 335 चिकित्सकों की नियुक्ति के उपरान्त प्रदेश में चिकित्सकों की संख्या लगभग 2500 हो जायेगी, जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार आयेगा। उन्होने कहा कि प्रदेश में जहां पहले प्रसव के दौरान महिलाओं की मृत्यु दर 1 लाख पर 284 थी उसकों दुरुस्थ करते हुए 84 पर लाया गया है वहीं प्रदेश में संस्थागत प्रसव की दर में भी निरंत वृद्धि हुई है।

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