बौराड़ी अस्पताल के बाहर तड़फती रही इलाज के लिए महिला,

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जिला अस्पताल बौराड़ी, के बाहर इलाज के लिए तड़फती रही महिला,
जिले के मरीजो के लिए बेहतर इलाज के लिए टिहरी जिले के सबसे बड़े अस्पताल बौराड़ी को पीपीमोड में पर स्वामी हिमालय जोलीग्रांट को दिया गया था,ताकि मरीजो को अच्छे से इलाज हो सके लेकिन यह अस्पताल जब से पीपीमोड में दिया गया तब से ही विवादों में रहता है,ओर बर्तमान समय मे पूरे अस्पताल को कोरोना वार्ड में तब्दील किया गया है ,ओर जब भी कोई सामान्य मरीज इलाज के लिए यह आते है तो पीपीमोड के तहत अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारी इलाज करने में आनाकानी करते है,पीपीमोड मोड जिला अस्पताल में नहीं हुआ हो रहा है मरीजों का इलाज,ओर आज 70 किलो मीटर दूर नगुण(कंडीषोड) से बौराड़ी अस्पताल में एक महिला तारा देवी इलाज के लिए आई थी जिसका कुछ दिन पहले बच्चे मिसकैरिज हो गया था,जो दर्द से पीड़ित थी,लेकिन हद तब हो गई जब बौराड़ी अस्पताल प्रबंधन ने इलाज करने से मना कर दिया और पीड़ित महिला अस्पताल के बाहर ही दीवार के सहारे जमीन पर बैठी रही,ओर कह की महिला का इलाज बौराड़ी अस्पताल में नही किया जा सकता है इनको किसी ओर अस्पताल में ले जाओ,वही छोटा बच्चा आरुष की हाथ की हड्डी टूटने की वजह से इलाज के लिए आये थे,उसका भी इलाज नही किया गया मीडिया के हस्तक्षेप के बाद महिला का अल्ट्रासाउंड किया गया ओर बच्चे का एक्सरे किया गया,

अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि यह पर क्यो इलाज नही हक सकता इसके बारे में आप सीएमओ टिहरी से पूछो अस्पताल प्रबंधन इतनी भी दिल नहीं पसीजा की पीड़ित महिला को कहीं सुरक्षित जगह पर बिठाने के लिए कुर्सी तक दी जाए मजबूरन में महिला को अस्पताल के बाहर सड़क के किनारे दीवार के सहारे बैठना पड़ा साथ में पीड़ित महिला की मां भी परेशान नहीं

वही जिला चिकित्साअधिकारी डॉ मीनू रावत ने कहा कि बौराड़ी अस्पताल को पूरा कोरोना वार्ड में परिवर्तन कर दिया गया है और अब जो भी मरीज आएगा उसके इलाज के लिए नई टिहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में व्यवस्था कर रहे है और प्रसव महिलाओ के लिए चम्बा अस्पताल में सुविधा की जा रही है,जल्दी ही जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था चुस्त दुरुस्त किया जा रहा है,

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