रगस्या गांव में सात आवासीय घर खतरे की जद में,2000 में भी आई थी यह दैवीय आपदा

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घनसाली में भिलंगना ब्लॉक के बूढ़ाकेदार-अंयारकाखाल मोटर मार्ग पर लगातार हो रहे भूस्खलन से रगस्या गांव के सात आवासीय घरों को खतरा पैदा हो गया है। 2000 में क्षेत्र में आई भीषण दैवी आपदा में रगस्या गांव के कई ग्रामीणों के घर खतरे की जद में आए थे। प्रभावित परिवारों ने लंबे समय बाद भी पुनर्वास न होने पर आक्रोश जताकर जल्द कार्रवाई न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
रगस्या गांव के ग्रामीणों ने  गांव में भूस्खलन वाले क्षेत्र में सुरक्षा दीवार लगाने और अन्य उपाय करने की मांग की। अधिकारियों ने ग्रामीणों को लिखित आश्वासन दिया कि जल्द ही वहां पर सुरक्षा दीवार लगाई जाएगी। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से बूढ़ाकेदार-अंयारकाखाल मोटर मार्ग पर रगस्या गांव में भूस्खलन हो रहा है। जिसके चलते सड़क के ऊपर कई स्थनों पर बसे ग्रामीणों को खतरा हो गया है। गांव के मूर्ति लाल, उम्मेद लाल, गंगा लाल, रमेश कुमार, कुंवर लाल, तारा देवी, संजीव लाल के आवासीय घरों को भूस्खलन से खतरा उत्पन्न हो गया।

ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 2000 और 2002 में भी इस क्षेत्र में जबर्दस्त भूस्खलन हुआ था। जिला प्रशासन ने गांव का भू-गर्भीय सर्वे भी कराया था। रिपोर्ट में गांव को भूस्खलन की दृष्टि से अति संवेदनशील की श्रेणी में रखा था। 20 सालों से ग्रामीण गांव के पुनर्वास की मांग करते आ रहे हैं लेकिन शासन-प्रशासन कार्रवाई को तैयार नहीं है।

पुनर्वास करने की मांग को लेकर ग्रामीण भूस्खलन वाले स्थान पर बूढ़ाकेदार-अंयारखाल मार्ग पर चक्काजाम करने पहुंचे।  लोनिवि के एई केएल आर्य, जेई आंनद रतूड़ी ने मौके पर पहुंचकर उन्हें समझाते हुए ग्रामीणों को लिखित आश्वासन दिया कि सड़क किनारे भूस्खलन वाले स्थानों पर सुरक्षा दीवार निर्माण कराया जाएगा।

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