केदारनाथ धाम में खिला दुर्लभ नीलकमल फूल,जानिए इनकी खासियत

0
313

केदारनाथ वन प्रभाग क्षेत्र में केदारनाथ धाम से आठ किमी ऊपर वासुकीताल के आसपास कई सालों बाद नीलकमल के फूल खिले हैं।चारो ओर खिले नीले नीले फूलों से यंहा की छटा देखते ही बन रही है।

बीते एक सप्ताह पूर्व केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के उप वन संरक्षक अमित कंवर के नेतृत्व में वन विभाग की टीम प्रभाग के ऊंचाई वाले क्षेत्रों का भ्रमण कर वापस लौटी है।

बताया कि केदारनाथ में ब्रह्मवाटिका में भृंगराज व ब्रह्मकमल की सैकड़ों पौध सुरक्षित हैं। कई पौधों पर पुष्प खिलने वाले हैं। वहीं, केदारनाथ से आठ किमी ऊपर वासुकीताल क्षेत्र नीलकमल पुष्प से खिले हुए है। वासुकीताल कुंड से लेकर करीब तीन किमी क्षेत्र में अलग अलग जगहों पर हजारो की संख्या नीलकमल खिले हुए हैं।

उप वन संरक्षक अमित कँवर ने कहा कि बीते कई वर्षों बाद यह फूल क्षेत्र में दिखाई दिया है। बता दें कि हिमालय क्षेत्र में चार प्रकार के कमल के फूल मिलते हैं। इनमें ब्रह्मकमल, नीलकमल, फेन कमल और कस्तूरा कमल शामिल हैं। कोरोनाकाल में पर्यटकों की गतिविधियां शून्य होने के कारण मध्य हिमालय के ऊपरी क्षेत्रों में ये पुष्प इस बार काफी मात्रा में खिले हैं। बताया कि यहां विभिन्न प्रकार के फूलों के बीच ब्रह्मकमल व नीलकमल की संख्या सबसे अधिक है।

हिमालय क्षेत्रों में मिलने वाले चार कमल में नीलकमल भी शामिल है। इस पुष्प का वानस्पतिक नाम नेयम्फयस नॉचलि है। यह नीले रंग का होता है। इसे भगवान विष्णु का प्रिय पुष्प कहा जाता है। नीलकमल एशिया के दक्षिणी व पूर्वी देशों का पुष्प पादप है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here