चारधाम यात्रा पर आ रहे यात्री जान जोखिम में डालकर टूटी फूटी सड़को से कर रहे है यात्रा ,भारत सरकार व राज्य सरकार ने नही की अब तक आलवेदर रोड़ का घटिया तरीके से काम करने वाली कम्पनी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही

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हाईकोर्ट के आदेश के बाद उत्तराखंड सरकार की चार धाम यात्रा शुरू हुई है और सरकार की आधी अधूरी सुविधाओं के चलते ऋषिकेश गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग 94 और ऋषिकेश बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग 58 आज भी कई जगहों पर डेंजर जोन बने हुए हैं और चार धाम की यात्रा पर आ रहे यात्री ऑल वेदर के डेंजर जोन से गुजर कर आवागमन कर रहे हैं,

भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना ऑल वेदर रोड इसलिए बनाई गई थी कि हर मौसम में ऑल वेदर रोड पर उत्तराखंड की चारधाम की यात्रा पर आने वाले यात्री आसानी से सुबिधा जनक से आवागमन कर सकते हैं, परंतु ऑल ऑल वेदर रोड का काम करने वाले ठेकेदारो की लापरवाही सबपर भारी पड़ गई है, ऑल वेदर रोड सड़क सिर्फ अब नाम मात्र की आलवेदर सड़क बन गई है,

ऑल वेदर रोड का काम करने वाली कंपनी व ठेकेदारों के द्वारा घटिया निर्माण के चलते आज भी सड़कों के हालात बद से बदतर बनी हुई है इन सड़कों पर यात्री कर स्थानिया लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे है

चारधाम की यात्रा पर जो भी यात्री यात्रा पर आ रहा है वाह इन टूटी फूटी आलवेदर सड़क पर चलकर आ रहे हैं

लेकिन आश्चर्य की बात है ना तो बीआरओ ने और ना ही उत्तराखंड सरकार ने ऑल वेदर रोड के काम करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ कार्यवाही नही की ओर न ही इन सड़कों को दुबारा से ठीक करवाने की कोशिश,सड़क के टूटे 2 महीने से ज्यादा का समय हो गया लेकिन अभी तक आलवेदर रोड का काम करने वाले ठेकेदारों ने सड़क ठीक नही की,

सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र कंडारी ने कहा कि ऑल वेदर रोड का काम करने वाले ठेकेदारों ने मनमर्जी के तरीके से आल वेदर सड़कों का कटान किया जिस कारण आज ऑल वेदर रोड के हालात बद से बदतर हो चुकी है और सड़क को टूटे हुए 2 महीने से ज्यादा का समय हो गया परंतु ऑल वेदर रोड का काम करने वाले ठेकेदारों ने ना तो सड़क के किनारे पड़े मलबे को साफ किया है और ना ही टूटी सड़कों की रक्षा के लिए काम करना शुरू किया, जिससे यह साफ साबित होता है कि ऑल वेदर रोड का काम करने वाले ठेकेदारों की ऊंची पकड़ होने के कारण यहां किसी की सुनने को तैयार नहीं है साथ ही कहा कि ऑल वेदर रोड का काम करने वाले ठेकेदारों ने पहाड़ की भौगोलिक स्थिति को ना समझ कर अनाप-शनाप तरीके से पहाड़ियों का कटान किया है जिसका परिणाम आज स्थानीय लोगों के साथ साथ चार धाम की यात्रा पर आ रहे यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है जबकि पहाड़ की भौगोलिक स्थिति हर 50 मीटर की दूरी पर बदल जाती है

आश्चर्य की बात यह है कि इन लापरवाह ठेकेदारों के खिलाफ ना तो उत्तराखंड सरकार ने और ना ही बीआरओ अधिकारियों ने कोई कार्यवाही नहीं की जिसका खामियाजा स्थानीय लोग व चार धाम पर आने वाले यात्रियों को भी भुगतना पड़ रहा है

अब स्थानीय लोगों ने उत्तराखंड सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जल्दी से जल्दी ऋषिकेश से गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग 94 और ऋषिकेश बद्रीनाथ राजमार्ग 54 पर की सड़कों को तत्काल ठीक नहीं किया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा

 

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