राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ परिवार के द्वारा राज्य स्थापना दिवस पर किया गया वृक्षारोपण

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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ परिवार के द्वारा स्थापना दिवस के उपलक्ष्य पर सी ब्लॉक में बरगद,पीपल, रुद्राक्ष, के पेड़ बिधि बिधान मंत्रोच्चारण के साथ लगाकर वृक्षारोपण किया गया, वृक्षारोपण कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नगर प्रचारक मोहित जी जिला कार्यवाह संजीव भट्ट जी,डीएम डॉ सौरव गहरवार जी, सीडीओ मनीष कुमार जी,एडीएम राम जी शरण,एसडीएम अपूर्वा जी,सहायक कोषाधिकारी कैलाश चंद रमोला,सहायक सूचनाधिकारी भजनी देवी ,तहसीलदार आशीष घिल्डियाल जी, ईओ नगरपालिका एम.एल. शाह सहित अन्य अधिकारी कार्यक्रम में शिरकत की,

साथ ही नगरपालिका के प्रद्युमन किर्शाली द्वारा इन पेड़ो को देहरादून से लेकर आये और और पेड़ो को लगाने के लिए मार्गदर्शन किया और कहा भविष्य में पेड़ों को लगाने के प्रति जो भी मदद की जरूरत होगी मैं आगे रहूंगा, पेड़ है तो जीवन है

बरगद के पेड़ लगाने से लाभ
शास्त्रों में बरगद के पेड़ के अनेक उपाय बताए गए हैं बरगद के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाने से व्यापार में लाभ होता है अगर कोई लंबे समय तक बीमार रहता है तो उसके तकिया के नीचे बरगद की जड़ रखने से लाभ मिलता है बरगद के नीचे बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करने से मानसिक तनाव से राहत मिलती है घर में मंदिर के पास बरगद के पेड़ की टहनी रखने से परिवार में सकारात्मक माहौल बना रहता है बरगद के पेड़ को औषधि के रूप में भी काम लिया जाता है जिससे कई तरह के रोगों में लाभ मिलता है

भगवान शिव ने भी वट वृक्ष के नीचे समाधि लगाकर तपस्या की थी मार्कंडेय को भगवान श्री कृष्ण ने बड वृक्ष के पत्ते पर दर्शन दिए थे देवी सावित्री भी अक्षय वट में निवास करती है मान्यता है कि देवी सावित्री ने अपने पति सत्यवान के लिए बड वृक्ष के नीचे बैठकर यमराज से उनके प्राण की रक्षा की थी इसलिए इसे बट सावित्री भी कहते हैं बरगद के पेड़ में देवी देवताओं का वास होने से इसकी पूजा करने से सुख शांति की प्राप्ति होती है हिंदू धर्म में बरगद यानी बड वृक्ष को देवव्रत माना गया है मान्यता के अनुसार बरगद के पेड़ में भगवान ब्रह्मा जी, हरि जी,शिव जी निवास करते हैं

पीपल के पेड़ लगाने से और उसकी देखभाल करने वाले व्यक्ति की कुंडली के सभी ग्रह दोष शांत हो जाते हैं जैसे-जैसे पीपल बड़ा होगा आपके घर परिवार में सुख समृद्धि बढ़ती है यदि कोई व्यक्ति किसी पीपल के नीचे शिवलिंग स्थापित करता है और नियमित रूप से उस शिवलिंग का पूजन करता है तो सभी समस्याएं समाप्त हो सकती हैं इस उपाय से बुरा समय दूर हो जाता है शनि दोष शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए प्रति शनिवार पीपल पर जल चढ़ा के साथ आटे के दिए सरसों के तेल जलाएं और सात बार परिक्रमा करनी चाहिए अगर आप अपने हाथ पैरों के दर्द और कमर के दर्द से परेशान हैं साथ ही आपके परिवार में दर्द होता है और आप थकान महसूस करते हैं तो आप एक काले कपड़े में पीपल के वृक्ष की जड़ या फिर उसकी लकड़ी को बांध ले और उसे आप अपने बिस्तर के सिरहाने लें लेकिन उसके साथ-साथ आप ऊपर दिए गए उपायों के अनुसार पीपल की सेवा करना ना भूले कुछ समय के पश्चात आपको महसूस होगा कि आपके शरीर का दर्द खत्म हो रहा है और आप दर्द मुक्त हो गए हैं

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