अटाली गांव में भू-धंसाव के लिए रेल लाइन को ठहरा रहे जिम्मेदार डीएम की अध्यक्षता में एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर होगा निर्णय

0
267

उत्तराखंड में इन दिनों दैवी आपदा से जगह-जगह भू-धंसाव की खबरें मिल रही हैं। जोशीमठ, कर्णप्रयाग, श्रीनगर के अलावा टिहरी बांध प्रभावित क्षेत्रों में लगातार भू-धंसाव हो रहा है। टिहरी जिले के नरेंद्रनगर ब्लॉक के अटाली गांव में भी बीते दिनों मकानों और भूमि पर लंबी दरार देखने को मिली हैं। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना के अटाली गांव में रेल लाइन निर्माण चल रहा है। ग्रामीण इसी परियोजना को भू-धंसाव का कारण मान रहे हैं। अलबत्ता परियोजना से जुड़े अधिकारी इसे मानने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि इसकी एक्सपर्ट से जांच कराई जानी जरूरी है।
नरेंद्रनगर ब्लॉक के अटाली गांव में 60 से 70 परिवार निवासरत हैं। गांव के लोग कृषि पर आजीविका चलाते हैं। लेकिन इस गांव से ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना का निर्माण हो रहा है। जिसके चलते गांव की जमीन परियोजना की जद में आ रही है। बीते कई दिनों से ग्रामीण अटाली गांव में भू-धंसाव की शिकायत कर रहे हैं। गांव के खतरे की जद में आने से ग्रामीण दहशत में हैं। यूकेडी के केंद्रीय सचिव सरदार सिंह पुंडीर, कांग्रेस नेता विकास चंद्र रयाल, जितेंद्र चौहान, शिव शंकर रयाल, राकेश, प्रवीन पुंडीर, विमला देवी, सरोजनी देवी, पदमा देवी, धनेश्वरी चौहान, किरण चौहान, दीपा पुंडीर, गिरवीर पुंडीर, राकेश पुंडीर, किशन चौहान, विनोद चौहान, बिल्लू चौहान का कहना है कि गत वर्ष से ही गांव के भवनों में दरारें देखने को मिली थी। उनका कहना है कि फसलों की सिंचाई करने के दौरान पता चला है कि अब खेतों तक दरार पहुंच गई हैं। इन लोगों का कहना है कि अब गांव में काश्त करना और रहने में डर लगने लगा है। ऐसे में रेल विकास निगम को चाहिए कि जब तक उनका पुनर्वास नहीं हो जाता तब तक जमीन और घरों के बदले 10 गुना मुआवजा दिया जाए। हालांकि रेल लाइन के अधिकारियों का कहना है कि गांव में एक जगह पर जमीन जरूर धंसी है। मकानों में परियोजना निर्माण से कोई खतरा नहीं हुआ है। लेकिन ग्रामीण इस तर्क को मानने को तैयार नहीं है। उनका स्पष्ट कहना है कि वह रेलवे लाइन प्रोजेक्ट का विरोध नहीं कर रहे हैं। अच्छा हो कि पूरी गांव को व्यासी बाजार के पास बंजर पड़ी भूमि पर विस्थापित किया जाए। ताकि वह पूर्वजों से लेकर मौजूदा समय तक अपने गांव, क्षेत्र की संस्कृति, सभ्यता, खान-पान और रीति रिवाज का निर्वहन करते हुए परिवार का गुजर-बसर कर सकें। उन्होंने परियोजना प्रभावित प्रत्येक परिवार से एक व्यक्ति को रेलवे निगम में नौकरी दी जाए। जोशीमठ में आई दैवी आपदा के बाद से लोगों में अब डर का माहौल है।

देवेंद्र सिंह नेगी, एसडीएम नरेंद्रनगर ने कहा कि
दो बार गांव का निरीक्षण किया है। रेल विकास निगम के अधिकारियों का कहना है कि परियोजना से भू-धंसाव नहीं हुआ है। शासन के निर्देश पर डीएम की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति का गठन कर एक-दो दिन में गांव का भ्रमण किया जाएगा। समिति की रिपोर्ट के आधार पर अटाली गांव के संबंध में अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here