मानसिक रूप से कमजोर नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को 20 साल का सजा

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विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) की अदालत ने मानसिक रूप से कमजोर नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को 20 साल का कठोर कारावास और 20 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड जमा न करने पर अभियुक्त को छह माह का अतिरिक्त कारावास में भुगतना होगा। साथ ही कोर्ट ने विधिक सेवा प्राधिकरण और निर्भया प्रकोष्ठ को भी पीडि़ता को उचित मुआवजा देने के आदेश दिए हैं।
विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो) चंद्रवीर सिंह नेगी ने अनुसार थाना मुनिकीरेती में 15 अक्टूबर 2021 को पीडि़ता के चचेरे भाई ने तहरीर देकर बताया कि उसकी बहन मानसिक रूप से कमजोर बहन रिश्तेदार के गई थी। वहां उनके पडोसी प्रभुदयाल निवासी बिलोगी ने 5 अक्टूबर को पीडि़ता की मानसिक कमजोरी का फायदा उठाते हुए उसके हाथ पैर बांध कर दुष्कर्म किया है। बताया कि पीडि़ता जब अपने घर वापस लौटी तो उसने परिजनों को घटना की जानकारी दी। तहरीर के आधार पर थाना पुलिस ने प्रभु दयाल के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। एक्टिव सर्विलांस के आधार पर पुलिस ने आरोपी को एफआईआर के पांच दिन बाद 20 अक्टूबर को गिरफ्तार कर जेल भेजा। पुलिस ने पीडि़ता और अभियुक्त को मेडिकल कराया। थाना पुलिस ने 10 दिसंबर 2021 को आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। अभियोजन की ओर से मामले में 9 गवाह और कई कागजी दस्तावेज प्रस्तुत किए। इसके अलावा दुष्कर्म की पुष्टि के लिए डीएनए रिपोर्ट पेश की। शुक्रवार मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) योगेश कुमार गुप्ता ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अभियुक्त को 20 साल कठोर कारावास और 20 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है।

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