टीचर डे – शिक्षिका रंजना छुट्टी के दिन भी पढ़ाती है बच्चो को, शिक्षिका की मेहनत से स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या बढ़ी,

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शिक्षिका रंजना चौहान
शिक्षिका रंजना चौहान

टीचर डे स्पेशल टिहरी जिले के  भिलंगना ब्लॉक के अंतर्गत पोखल मगरों क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय पल्यासोड़ में कार्यरत शिक्षिका रंजन चौहान ने स्कूल में छात्र संख्या बढ़ाने के लिए घर-घर जाकर अभिभावकों से मिलकर बच्चो को अच्छी पढ़ाई का भरोसा दिया तो विद्यालय में छात्रों की संख्या बढ़ने लगी, विद्यालय की दशा सुधारने के लिए उन्होंने अभिभावकों के सहयोग से फर्नीचर बनाने के साथ साथ  छात्रों की ड्रेस में भी बदलाव किया, टीचर रंजना ने अन्य विषयों के साथ ही अंग्रेजी और गणित विषय में विशेष फोकस किया जिससे बच्चों की परफॉर्मेंस बढ़ने लगी,उससे  पास में स्थित प्राइवेट स्कूल के बच्चे राजकीय प्राथमिक विद्यालय में आने लगे इससे प्राइवेट स्कूल को बंद करना पड़ा, पढ़ाई पर विशेष ध्यान दिए जाने पर जब कई बच्चों ने नवोदय स्कूल की प्रवेश परीक्षा पास की तो आसपास के बच्चे भी प्राथमिक स्कूल पल्यासोड़ स्कूल में आने लगे, शिक्षिका रंजना  छुट्टी के दिन बच्चो को गूगलमीट के माध्यम से पढ़ाई करवाती है जिससे बच्चे गूगल मीट में पढाई करने के लिए  उत्सुक रहते हैं,आज इस स्कूल में छात्र संख्या 60 तक पहुंच गई है,स्कूल में कार्य शिक्षिका रंजना का कहना है कि स्कूल में छात्र संख्या तो बढ़ रही है लेकिन स्कूल भवन जर्जर जर्जर  स्थिति में है इससे उन्हें स्कूल को पिछले दो माह से बंद हो चुके हैं अब बच्चो को प्राइवेट स्कूल के भवन पर कक्षाएं संचालित करनी पड़ रही है वहां बिजली और पानी की व्यवस्था भी नहीं है इसके बावजूद हर दिन नवाचार के माध्यम से बच्चों को हर गतिविधियों में शामिल किया जाता है स्कूल की परफॉर्मेंस देखकर अभिभावक भी संतुष्ट हैं,

ग्रामीणों का कहना है कि  जब से शिक्षिका रंजना यहां पर आई है तब से यहां पर बच्चे काफी अच्छा पढ़ लिख रहे हैं और इनके द्वारा पढ़ाए गए बच्चों का नवोदय विद्यालय के प्रवेश परीक्षा भी पास की हैं अब ग्रामीणों को सरकारी स्कूलों पर विश्वास होने लगा है औऱ  सभी विद्यालयों में इसी तरह की पहल की जाए तो वह दिन दूर नहीं जब लोग अपने बच्चो को प्राइवेट स्कूलों से हटाकर सरकारी स्कूलों में पढ़ाएंगे, साथ ही इस तरह की पहल से गांव का पलायन भी रुकेगा क्योंकि अधिकतर परिवार अपने बच्चों को पढाने लिखाने के लिए शहर की तरफ चले जाते हैं जिससे पलायन हो जाता है और गांव के गांव खाली हो जाते हैं,

राजकीय प्राथमिक स्कूल देवप्रयाग में शनिवार को इस  रहता है बेगलेस -डे

देवप्रयाग विधानसभा के राजकीय प्राथमिक स्कूल देवप्रयाग में कार्यरत प्रधानाध्यापक विजय सिंह रावत अपनी कड़ी मेहनत और नवाचार से छात्रों का भविष्य सवारने में जुटे हैं उनके प्रयासों से इस सरकारी स्कूल को किसी प्राइवेट स्कूल से बेहतर बनाया गया है अध्यापक विजय 2014 में  यहां पर आए थे तब यहां पर छात्र संख्या 8 थी जो अब बढ़कर 90 हो गई है प्रधानाध्यापक ने बताया कि स्कूल की तस्वीर बदलने का निर्णय लेते हुए पहले खुद के पैसे से दो कंप्यूटर खरीदे, कंप्यूटर में बच्चों की रुचि बढ़ने पर स्थानीय विधायक विनोद कंडारी के सहयोग मांगा तो उन्होंने स्कूल को चार कंप्यूटर और प्रोजेक्टर दिए धीरे-धीरे स्कूल में पुस्तकालय खेल मैदान बैडमिंटन कोर्ट टेबल टेनिस और अन्य इंडोर गेम्स शुरू कराये, पढ़ाई का बोझ कम करने के लिए शनिवार को बेगलेस-डे  रखा गया है इस दिन छात्र-छात्राओं को पेंटिंग्स क्राफ्ट डांस आदि गतिविधियां सिखाई जाती हैं, बच्चे अंग्रेजी के साथ ही अन्य सभी विषयों में भी पारंगत हैं स्कूल में किचन गार्डन भी बनाया गया है मिड डे मील में कई बार गार्डन की ताजी सब्जियां बनाई जाती हैं

किसी प्राइवेट स्कूल को टक्कर देते  पीएम श्री में शामिल हुए इस स्कूल से कई बच्चे नवोदय विद्यालय की परीक्षा में सफल रहे हैं यही कारण है कि आसपास  संस्कृत विश्वविद्यालय और डिग्री कॉलेज के सभी अध्यपको  ने अपने बच्चों का दाखिला इस स्कूल में कराया है,

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