ब्रह्ममुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चारण और धार्मिक विधि विधान से खुले भगवान बदरी विशाल के कपाट

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चमोली
भगवान बदरी विशाल के कपाट खुले
ब्रह्ममुहूर्त पर सुबह 4:30 बजे वैदिक मंत्रोच्चारण और धार्मिक विधि विधान से खुले भगवान बदरी विशाल के कपाट
सुबह 4 बजे रावल धर्माधिकारी सहित वेदपाठियो ने मंदिर के पीछे दरवाजे से किया अंदर प्रवेश किया।
4:15 बजे पहले द्वार किया गया द्वार पूजन
टिहरी राजदरबार द्वारा दी गयी नोंटियाल को चाबी और हक हकूकधारी द्वारा खोली गई चाबी
ठीक 4:30बजे भगवान बदरीनाथ के मुख्य द्वार खोला गया
कपाट खुलते ही भगवान के 6 माह जलने वाली अखण्ड ज्योति के हुए दर्शन
इसके बाद भगवान उद्धव जी और कुबेर जी भगवान बदरीनाथ के गर्भग्रह में बदरीश पंचायत हुए विराजित
इसके बाद माँ लक्ष्मी भगवान बदरीनाथ के साथ गर्भग्रह से बाहर अपने मंदिर में रावल मुख्य पुजारी द्वारा किया गया स्थापित
शीतकाल में भगवान को ओढ़ाया गया घृत कंबल या चोली गयी हटाई
कपाट खुलने का होता है घृत कंबल खास प्रसाद
इसके बाद गणेश जी की पूजा अर्चना कर अपने मूल स्थान पर किया गया विराजित
9 बजे बाद भगवान बदरीनाथ का होगा अभिषेक महाभिषेक पूजा
भगवान बदरीनाथ का तुलसी फूलो के साथ जेवहरात का किया जाएगा श्रीगार
दिन भर होने वाली पूजा और लगेगा भोग

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