नियमो के फेर में तड़फती रही तीन घण्टे तक गर्भवती महिला,sdm ने लगाई अस्पताल प्रबंधन को फटकार

0
1211

ब्रेकिंग-

video
play-sharp-fill
हिमालय जौलीग्रांट अस्पताल के द्वारा जिला अस्पताल बौराड़ी को पीपीमोड में संचालित किया जा रहा है ओर आज अस्पताल प्रबंधन ने प्रसव के लिये आई महिला को तीन घण्टे से अधिक तक इलाज के लिए ड्रामे बाजी की,एसडीएम सीएमएस के हस्तक्षेप के बाद महिला के इलाज करने के लिए अस्पताल प्रबंधन तैयार हुआ,आखिर कोन लेगा इस अस्पताल प्रबंधन को ठीक करने की सुध,

नियमों के फेर में एक गर्भवती महिला को जिला अस्पताल में तीन घंटे से ज्यादा फजीहत झेलनी पड़ी वहीं उसके परिजन भी परेशान रहे। बंगियाल गांव निवासी नीलम भंडारी को प्रसव पीड़ा होने पर उसके परिजन जिला अस्पताल बौराड़ी लेकर आए लेकिन वहां जैसे ही डाक्टर को पता चला कि नीलम के पति मनोज सिंह तीन मई को दिल्ली से घर आए हैं और होम क्वारंटाइन हैं तो डाक्टरों ने नीलम का प्रसव कराने से इंकार कर दिया। 

मामले के तूल पकड़ने के बाद शाम सात बजे हिमालयन अस्प्ताल बौराड़ी प्रबंधन के संचालन वाले जिला अस्प्ताल में महिला का उपचार शुरु किया गया। 

शनिवार को लगभग चार बजे थौलधार ब्लॉक के बंगियाल गांव निवासी मनोज सिंह अपनी पत्नी नीलम को प्रसव पीड़ा होने पर हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट के संचालन वाले जिला अस्पताल नई टिहरी लेकर आए। महिला के पति मनोज सिंह ने बताया कि नीलम को प्रसव कराने के लिए डाक्टर ओटी में लेकर गए लेकिन वहां पर जैसे ही नीलम ने डाक्टरों को बताया कि उसके पति तीन मई को दिल्ली से गांव आए थे और होम क्वारंटाइन थे, तो डाक्टर ने प्रसव कराने से इंकार कर दिया। डाक्टरों का कहना था कि क्वारंटाइन हुए व्यक्ति की पत्नी को अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा सकता। जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया। इस दौरान वहां से गुजर रहीं पूर्व प्रमुख बेबी असवाल भी अस्पताल पहुंची और डाक्टरों को महिला को भर्ती करने के लिए कहा लेकिन हिमालयन अस्पताल प्रबंधन आपस में इसी मुद्दे पर चर्चा में मशगूल रहा। जिसके बाद पूर्व प्रमुख बेबी असवाल ने एसडीएम फिंचाराम चौहान से फोन पर बात की जिसके बाद एसडीएम अस्पताल पहुंचे और हिमालयन अस्पताल प्रबंधन के अधिकारियों को खूब फटकार लगाई। एसडीएम ने महिला को अस्पताल में उपचार कराने के निर्देश दिए। इस दौरान जिला अस्पताल के सीएमएस डा. अमित राय ने भी महिला को भर्ती कराने के लिए कहा तो उनके साथ भी प्रबंधन के अधिकारी पुनीत गुप्ता की बहस हो गई। सीएमएस डा. अमित राय ने बताया कि पीपीई किट पहनकर महिला का प्रसव कराने के लिए कहा गया लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने उनकी नहीं सुनी जिसके बाद आला अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई।

जिला अस्पताल बौराड़ी को पीपी मोड पर दिए जाने के बाद यहां पर मरीजों को कई फजीहत झेलनी पड़ रही है और आए दिन यहां अस्पताल विवादों में घिरा रहता है जिस कारण यहां पर मरीजों का इलाज नहीं हो पाता है जो भी मरीज यहां पर आता है उसे इलाज के नाम पर परेशान होना पड़ता है, जिला अस्पताल प्रबंधन  द्वारा अपनी हठधर्मिता अपनाए हुए रहते हैं वह ना किसी जिला प्रशासन की और ना ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की सुनते हैं उनके मन में जो आता है वही करते हैं जिसकी बान कि आज भी देखने को मिली इस अस्पताल को पीपीपी मोड से हटाने के लिए कई बार मांग भी उठ चुकी है लेकिन इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई,

वही सामाजिक कार्यकर्ताओ का कहना है कि अब समय आ गया है कि नई टिहरी शहरवासियों को एक होकर पीपीमोड में चल रहे अस्पताल के खिलाफ आवाज उठानी होगी,नागरिक मंच ने भी अस्पताल प्रबंधन को कई बार व्यवस्था सुधारने के चेतावनी दी,परन्तु अस्पताल प्रबंधन है कि सुधारने का नाम ही नही लेता,

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here