नि:स्वार्थ भाव से समाज को समर्पित संस्था है ‘कौशल्यासेवा फाउंडेशन’

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देहरादून,जब आप किसी की सेवा या मदद करते है तो उसमें दो प्रकार होते है पहला तो मजबुरन वहीं दूसरा है अन्तर मन से। बस तो जब आप किसी की सेवा या मदद अंतरमन से करते हैं तो वही वास्तव में सेवा भाव कहा जाता है। सामाजिक सेवा कार्य परोपकारी तथा प्रजातांत्रिक आदर्शों से संभव है और इसके नैतिक मूल्य सभी व्यक्तियों की समानता, महत्व एवं गरिमा के सम्मान पर आधारित हैं। हम जानते हैं कि मनुष्य एक सामाजिक जीव है। समाज ही उसका कर्मक्षेत्र है। अतः उसे स्वयं को समाज के लिए उपयोगी बनाना जरुरी होता है। आज हम बात कर रहे हैं एक सामाजिक संस्था जो पीड़ितों की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहती है जिसका नाम है ‘कौशल्यासेवा फाउंडेशन’।
जिसका उद्देश्य ही है बेहतर कल के लिए सेवा..! ऐसा कौशल्यासेवा फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष कैप्टन जय शंकर झा और संस्थापक निदेशक नेहा जय शंकर झा का कहना है। वह अपने विश्व ख्याति प्राप्त फाऊंडेशन को किसी धन या किसी खास फायदे के लिए नहीं बल्कि निःस्वार्थ भाव से मानव, पशु-पक्षियों, प्रकृति की सेवा में समर्पित गैर लाभकारी संगठन कौशल्यासेवा फाउंडेशन के द्वारा समाज सेवा कर हैं जिसका सिर्फ एक ही उद्देश्य है- कल बेहतर हो! वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के महात्रासदी के बीच निश्छल प्रेम से सेवाभाव में समर्पित कौशल्यासेवा फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष कैप्टन जय शंकर झा ने महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से जनजागरूकता अभियान युद्ध स्तर पर छेड़ रखा हैं, जिसमें भारत ही नही विश्व के लोग भी इनसे जुड़े हुए हैं। साथ-साथ इस जनकल्याणकारी अभियान के योद्धाओं, समाज सेवकों को प्रशंसा प्रमाण पत्र देकर हौसला बढ़ाकर एक अद्भुत पहल की भी शुरुआत इनके द्वारा किया गया है, जो निरंतर जारी है।
कैप्टन झा प्रतिदिन टेलीफोन के माध्यम से घंटों सकारात्मक सोच, ऊर्जा, विचार लोगों के मन- मष्तिष्क में डालने की कोशिश करते है जिससे उनका मनोबल बढ़ता है और इस विषम परिस्थिति से लड़ने की ताकत भी। यह सकारात्मक पहल उत्साहवर्धक है और यह कार्य सराहनीय भी है। आत्मविश्वास व सकारात्मक ऊर्जा से ओत-प्रोत कौशल्या सेवा फाउंडेशन परिवार के सदस्यों ने भारत के कई राज्यों, शहरों, कस्बों, गाँव में जागरूकता अभियान के साथ – साथ मास्क, साबुन, सेनिटाइजर और भोजन समाग्री का वितरण करा रहे हैं । पशुओं के लिए भूसा का प्रबधंन कई स्थानों पर किया गया है। पक्षियों के दान- पानी के लिए भी लोगों के लिए निवेदन कर रहे हैं कि अपने छत, बालकनी आदि में पानी भर कर रख दे, जिससे की उनकी भी भूख-प्यास मिटाई जा सके।
आधुनिक आवश्यकताओं को देखते हुए यह लोक कल्याणकारी संस्था अनेकों सुन्दर कार्य कर रही है। जिसमें गरीब बच्चों की पढ़ाई, कॉपी, पुस्तक, स्टेशनरी, पोशाक आदि का वितरण शामिल है। युवा- युवतियों के विचार और उनकी कौशल क्षमता से प्रेरित होकर युवा-युवतियों को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने तथा उनका हौसला अफजाई करने में अग्रणी भूमिका निभा रही है, जिसने वैश्विक स्तर पर संस्था को प्रतिष्ठित करने का कार्य किया है।
संस्था के द्वारा रोजगार के सुअवसर भी प्रदान किये जाने का उल्लेखनीय पहल किया गया है। जिसमें मशरूम उत्पादन, पशुपालन, बकरी पालन, मधुमक्खी पालन, मछली पालन , सिलाई कटाई, अगरबत्ती, पापड़ आदि लघु उद्योगों के माध्यम से निःशुल्क प्रशिक्षण देती है। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को इससे उनके जीवन में काफी बदलाव आया है और वे आत्मनिर्भर बनने में सहायक सिद्ध हुआ है। उनकी अपनी आमदनी होने लगी है जिससे उनका जीवन स्तर थोड़ा उच्च हुआ है।
कैप्टन झा का कहना है कि – बस यही हमारी जीत है कि लोगों के जीवन स्तर में सुधार आये। अब इस संस्था ने जल्द ही कप्यूटर प्रशिक्षण की योजना की रूपरेखा बनाायी है जिसका क्रियान्वयन जल्द होने को है।
यह संस्था, प्रकृति के संरक्षण तथा आम जनमानस में प्रकृति के प्रति लगाव बढ़ाने के लिए पेड़ पौधों का लगाना तथा इनकी आवश्यकता,लगाने के लिए प्ररित करने का अभियान चलाते रहते हैं। मुख्य रूप से पीपल ,बरगद ,नीम और आम पौध का रोपण कर रही है। ऑर्गेनिक खेती ,कृषि उपकरणों आदि से किसान की मदद कर रही है। निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर व रक्तदान शिविर का आयोजन करती है । स्वस्थ रहने और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी को शिविर आयोजित कर जागरूक करते रहती है ।
पशुओं की स्वास्थ्य जांच शिविर लगा कर इलाज व बेहत जानकारी उपलब्ध करवाती है ये संस्था। नशामुक्त, जल संचय और संरक्षण,सौलर ऊर्जा का उपयोग आदि महत्त्वपूर्ण विषयों पर जागरूकता पर भी अभियान चला रही है।
भ्रष्टाचार मुक्त भारत और विश्व शान्ति के लिए मानव जीवन के उद्देश्य व मूल्यों को समझना , प्रकृति से प्रेम आदि विषयों पर सैमीनार आयोजित कर सतर्क बना रही है ।
आज भी बच्चे विद्यालय में नीचे फर्श पर या जूट के बोरे पर बैठ कर शिक्षा ले रहे है कैप्टन झा ने यह संकल्प लिया है। बोरा मुक्ति विद्यालय का , उन्होंने एक विद्यालय गोद ले कर यह कार्य बतौर जानकारी *जनवरी 2020* से प्रारम्भ कर ऱखा है। आज में युग में वास्तविक रूप में ऐसे लोक कल्याणकारी संस्थाओं की जरुरत है समाज को।

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