झूठे वादा करने वाले नेताओं से जनता को होना पड़ेगा सावधान :- पूर्व केबिनेट मंत्री दिनेश धनै

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आशा वर्कर का सीएमओ कार्यालय परिसर के बाहर 50 दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे है ओर आशाओ के आंदोलन को समर्थन देने के लिए  पूर्व कैबिनेट मंत्री व उजपा केंद्रीय अध्यक्ष दिनेश धनै भी धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि आशाओं को बहुत ही कम मानदेय पर इनसे काम करवाकर सरकार इनके साथ अन्याय कर रही है। आशाओं को भरोसा दिलाते हुये पूर्व मंत्री धनै ने कहा कि वे उनके साथ हैं।
पूर्व कैबिनेट मंत्री दिनेश धने ने बेबाकी से अपनी बात आशा वर्करों के सामने रखते हुए कहा कि सरकार के विधायक लाला बने हुए हैं और खुद सामान खरीद कर लोगों को दे रहे हैं जो कि गलत है और जनता को इस बात को समझना होगा
पूर्व मंत्री ने  बेबाकी के साथ कहा कि जो  नेता झूठे वादा करते हैं उनको जूते मारने चाहिए और झूठे नेताओं को जूता मारने के लिए जनता को भी ईमानदार होना पड़ेगा क्योंकि जनता भी अपने स्वार्थ के लिए पलट जाती है इसलिए जनता को भी ईमानदार होना पड़ेगा
आज का समय इस तरह का आ गया कि सरकार के कैबिनेट मंत्री आशा वर्करों के धरने में समर्थन देने आ रहे हैं जबकि वह प्रोटोकॉल के खिलाफ है कैबिनेट मंत्री तो जियो और शासनादेश जारी करवाते हैं और जब शपथ ली जाती है तो उस समय इस बात की शपथ ली जाती है कि वहां प्रोटोकॉल का ध्यान में रखें और जनता की सेवा करें
पूर्व मंत्री ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार के लोग आशाओं को छोटे-मोटे सम्मान देकर टरका रहे हैं। उनकी मांगों पर कोई गौर नहीं किया जा रहा है। 2017 से उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है। जिसकी चलते उन्हें कार्यबहिष्कार व अनिश्चितकालीन धरना शुरू करना पड़ा रहा है। आशा वर्कर सरकारी कर्मचारी का दर्जा की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक राज्य कर्मचारी घोषित नहीं किया जाता, उन्हें न्यूनतम 21 हजार मानदेय दिया जाए। सेवानिवृति पर पेंशन, पूर्व सीएम के घोषित कोरोना भत्ते को उनके खाते में डाला जाय, कोरोना भत्ता हर माह 10 हजार दिया जाए। कोविड में लगी आशाओं का 10 लाख स्वास्थ्य बीमा व 50 लाख का जीवन बीमा किया जाए। कोरोना में जान गंवानी वाली आशाओं को 50 लाख मुआवजा व 4 लाख राहत राशि दी जाय।

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