छात्रवृत्ति घोटाले में फर्जी प्रमाणपत्र सत्यापित करने वाले ने किया सरेंडर,61 छात्रों को 7 लाख 50 हजार रुपये की धनराशि फर्जी छात्रवृत्ति आवंटित कर दी

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टिहरी दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में वांछित चल रहे स्वामी पूर्णानंद डिग्री कालेज ऑफ टेक्निकल एजुकेशन मुनिकीरेती के बिचौलिए ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में सरेंडर कर लिया। आरोप है कि कॉलेज के साथ मिलीभगत कर उसने फर्जी छात्रों के प्रमाणपत्र सत्यापित कर समाज कल्याण विभाग को सौंपे। जिसके बाद करीब 7.50 लाख का घोटाल हुआ। कोर्ट ने आरोपी को दो दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
सहायक अभियोजन अधिकारी राजीव डोभाल और अनुराग वरुण के बताया कि मुनिकीरेती के पूर्णानंद डिग्री कालेज में हुए छात्रवृत्ति घोटाले में बिचौलिए का काम करने वाले विनोद कुमार कुलियाल ने मंगलवार को सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण कर लिाय। छात्रवृत्ति घोटाले की जांच में पता चला कि बिचौलिए ने छात्रों को पैसे मिलने का लालच देकर 61 छात्रों के प्रमाणपत्र अपने पास ले लिए। उसके बाद आरोपी ने कॉलेज के प्रधानाचार्य की मुहर बगैर उनकी जानकारी के ही दस्तावेजों पर लगाई और स्वयं के हस्ताक्षर से प्रमाणपत्र सत्यापित कर समाज कल्याण विभाग को सौंपे थे। इस आधार पर समाज कल्याण विभाग ने 61 छात्रों को करीब सात लाख 50 हजार रुपये की धनराशि फर्जी छात्रवृत्ति आवंटित कर दी थी। घोटाले में कॉलेज की प्रधानाचार्य को भी जेल भेजा गया था। सहायक अभियोजन अधिकारी वरुण और डोभाल ने बताया कि जांच में विनोद कुलियाल का नाम सामने आने के बाद से वह फरार चल रहा था। मंगलवार को अभियुक्त ने सीजेएम विनोद कुमार वर्मन की कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने बताया कि घोटाले की एसआईटी जांच चल रही है। इस मामले में एफआर (फाइनल जांच रिपोर्ट) आने तक अदालत से समय मांगा गया है। जिससे न्यायालय ने आरोपी को दो दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा है। बताया कि इस मामले में कई अधिकारी, कर्मचारी और संचालक सलाखों के पीछे हैं।

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