शहीद विक्रम सिंह ने 22 अक्टूबर को पूजा के लिए आना था घर,कल पार्थिव शरीर पहुंचेगा घर

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जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकी मुठभेड़ में में टिहरी जिले के गज के समीप बिमन गाव का रहने वाला विक्रम सिंह नेगी शहीद हो गया जिसकी सूचना यूनिट के अधिकारियों के द्वारा फ़ोन से परिजनों को मिली सूचने मिलने के बाद शहीद विक्रम सिंह नेगी के घर में परिजनों का रोरो कर बुरा हाल हो गया ,

शहीद विक्रम सिंह नेगी के चाचा ने बताया कि 2015 में यह आर्मी में भर्ती हुआ था यह आने घर का इकलोता बेटा था इसे बचपन से ही आर्मी में जाने का शोक था यह 17 जुलाई को डेढ़ महीने की छुट्टी काटकर डयूटी पर गया था,ओर 7 दिन बाद 22 अक्टूबर 2021 को घर मे पूजा के लिए घर आना था,ओर कल सुबह 8 बजे के करीब विक्रम सिंह नेगी की अपनी माँ से वीडियो कॉल करके बात चीत हुई,

लेकिन दिन में अचानक आतंकी घुसने की खबर मिलने पर राइफल मेन विक्रम सिंह नेगी की यूनिट आतंकियों को सर्च ऑपरेशन के लिए निकले और सर्च ओपरेशन के दौरान आतंकी के साथ मुठभेड के दौरान वह  घायल हुए और घायल होने के बाद आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया

घर मे पिता साहब सिंह माता विजा देवी और बूढ़ी दादी रुकमा देवी के साथ साथ पत्नी पार्वती और डेढ़ साल का बेटा प्रियांक हैं ओर एक बहिन है उसकी शादी हो चुकी है,

वही आंगन में शहीद विक्रम सिंह नेगी का मासूम बेटा प्रियंक परिजनों की गोद मे खेल रहा है उसे इस गम का पता नही है कि उसके पिता देश के लिए शहीद हो गए वही पत्नी बेसुध होकर बार बार आने वाली 22 अक्टूबर के दिन को याद कर रही है कि विक्रम ने अपने परिजनो के साथ मंदिर में पूजा रखी थी और उन पूजा के लिए 22 अक्टूबर को घर आना था लेकिन विक्रम देश के लिए शहीद हो गया,

वही विक्रम अपने गाव का एकमात्र लड़का था जो आर्मी में भर्ती हुआ और आसपास के 5 यूबको ने विक्रम से प्ररेणा लेकर आर्मी में भर्ती हुए,

शहीद के चाचा सुरेंद्र सिंह ने बताया कि शहीद विक्रम सिंह नेगी की के शहीद होने की सूचना उनके यूनिट के अधिकारियों द्वारा दी गई  ओर यूनिट के अधिकारियों ने शहीद विक्रम के घर लोकेशन के बारे में जानकारी मांगी अब  देखना है कि शहीद का शव कब तक घर पहुंचता है,

 

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