टिहरी पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कह प्रदेश के विकास और स्वरोजगार के लिए पर्यटन बड़ा साधन

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पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए पर्यटन सबसे बड़ा साधन बन सकता है। कहा कि टिहरी झील के लिए स्वीकृत 2100 करोड़ की धनराशि से आने वाले समय में विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल बनेगा। इसमें स्थानीय लोगों को सहयोग कर विकास को आगे बढ़ाने में मदद करनी चाहिए। कहा कि साहसिक पर्यटन भविष्य की संभावना है। वन विभाग के अतिथि गृह में पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि प्रदेश में होम स्टे और 13 डिस्ट्रिक्ट-13 डेस्टिनेशन से सुखद परिणाम आने लगे हैं। पहले सरकार लोगों को होमस्टे के लिए मुश्किल तैयार करती थी। लेकिन अब लोग स्वयं ही होमस्टे क्षेत्र के अच्छा काम कर रहे हैं। कहा कि उत्तराखंड को शूटिंग हब बनाने की ओर भी प्रदेश सरकार काम कर रही। पर्यटन, शूटिंग हब होने से प्रदेश में खर्चीले पर्यटक मिलेंगे। जिससे प्रदेश में रोजगार व आय के स्रोत भी बढेंगे। उन्होंने कहा कि युवाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर कृषि, बागवानी को व्यवसाय के रूप में अपनाना चाहिए। कहा कि पहाड़ी जिलों में इंटरनेशनल स्तर के हेरिटेज विकसित किए जाने चाहिए। जिससे पर्यटक कम से कम चार-पांच दिन एक स्थान पर रुख सके। इससे प्रदेश में स्वरोजगार, रोजगार बढ़ेगा और पलायन पर भी रोक लगेगी। उन्होंने कि टिहरी झील में इंटरनेशनल वैदिक स्कूल बनाने की उन्होंने सीएम रहते घोषणा की थी। जिस पर 2100 करोड़ की योजनाओं में काम होगा। इस मौके पर भाजपा जिलाध्यक्ष विनोद रतूड़ी, प्रतापनगर के पूर्व विधायक विजय पंवार, जाखणीधार की प्रमुख सुनीता देवी, मंडल अध्यक्ष विजय कठैत, उदय रावत, सतवीर पुंडीर, राजेंद्र डोभाल, पंकज बरवाण, शिव सिंह बिष्ट, असगर अली मौजूद थे।

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