टिहरी डाइट में स्वरोजगार अपनाने के लिये दिया जा रहा है मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण,

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प्रधानमंत्री के द्वारा भारत सरकार की ट्वेन्टी-ट्वेन्टी योजना के तहत पहली बार टिहरी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में स्वरोजगार अपनाने के लिये 36 से अधिक लोगो को दिया जा रहा है मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण,

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्रवक्ता सुधीर चन्द्र नौटियाल कार्यक्रम में संस्थान के प्रशिक्षक हैं उन्होंने कहा कि यह नेशनल स्तर से भारत सरकार द्वारा स्वीकृत डायट की वार्षिक कार्ययोजना एवम बजट 2022 के तहत शिक्षकों में व्यवसायिक शिक्षा के प्रति अभिमुखीकरण व बच्चो के बौद्धिक एवम शारीरिक सर्वांगीण विकास के लिये इस तरह के कार्यक्रम रखे गए हैं डॉयट के कार्यानुभव विभाग से अंजना सजवाण एवम सीमा शर्मा कार्यक्रम में समन्वयक है उन्होंने कहा मशरूम उत्पादन में शिक्षकों को प्रशिक्षित कर सेवित क्षेत्र में पलायन रोकने की उम्मीद की जा रही है और बच्चे इस तरह की फार्मिंग सीख कर समाज के लोगो को बतायेगें ओर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ेंगे,यह कार्यक्रम टिहरी में पहली बार किया जा रहा है,इसमे शिक्षकों को मशरूम उत्पादन की बिधि सिखाई जा रही है
ऐसे में मशरूम की खेती सबसे मुफीद है। यहां की प्राकृतिक जलवायु भी मशरूम उत्पादन के लिए उपयुक्त है।

टिहरी के चंबा निवासी ट्रेनर सुशांत उनियाल ने टिहरी जिले के शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान लोगो को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दे रहे है ताकि वह अपने अपने स्कूलों में जाकर ग्रामीणों व बेरोजगार युवको को मशरूम उत्पादन के बारे में जानकारी देंगे जिससे मशरूम उत्पादन करके रोजगार प्राप्त कर सकें,सुशांत उनियाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी अपनी दिन के भोजन की डाइट में एक समय मे मशरूम को जरूर रखते है क्योंकि मशरूम पोषक तत्त्व ज्यादा होते है

यह वही ट्रेनर सुशांत उनियाल जिसने अपनीं शहरो की नोकरी छोड़कर अपने गाँव चम्बा में आकर मशरूम उत्पादन का काम करके स्वरोजगार अपना कर लोगो को भी रोजगार दिया सुशान्त उनियाल की इस पहल को देखते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुशांत उनियाल से भी बात की और उनकी जमकर सराहना की।

सुशांत उनियल ने कह कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री है जिहोंने गाव के एक आम आदमी से सीधे बात की हो ओर लोगो को काम के प्रति जागरूक किया हो ताकि पहाड़ से पलायन रुके,

उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने
सुशांत को बधाई देते हुए कहा कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आती है, हमें इसे उलट करना है। सुशांत उनियाल जैसे युवाओं को देखकर लग रहा है कि अब पहाड़ की जवानी फिर पहाड़ के काम आ रही है। युवा जब खेती करता है तो बड़ा बदलाव आना निश्चित है। सरकार का प्रयास है कि शहरों और गांवों में सुविधाओं के भेद को कम करना है।

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