वनन्तरा रिजॉर्ट की तर्ज पर चल रहा है बिना रजिस्ट्रेशन के टिहरी झील के ऊपर बना ली रॉय ग्रुप का फ्लोटिंग हट्स

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एशिया के सबसे बड़े टिहरी बांध की झील के ऊपर बनाए गए फ्लोटिंग हट्स को पर्यटन बिभाग द्वारा ली रॉय होटल ग्रुप को पीपीमोड में दिया है जिसके द्वारा के द्वारा मल मूत्र गंदगी भगीरथी गंगा यानी झील में डाले जाने को लेकर टिहरी जिले के सामाजिक कार्यकर्ता व व्यापारियों में आक्रोश है
आपको बता दें कि आस्था का प्रतीक भागीरथी गंगा टिहरी संगम में आकर भिलंगना नदी से मिलती है जहां पर टिहरी बांध बनाया गया है यहीं पर झील के ऊपर हवा में तैरता हुआ होटल फ्लोटिंग हट्स चल रहा है जिसकी मल मूत्र व गंदगी झील में डाले जाने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था जिस पर टिहरी जिलाधिकारी डॉ सौरभ गहरवार द्वारा एक जांच कमेटी बनाई गई, जांच कमेटी ने मौके पर जाकर जांच में कई खामियां पाई, इसके बावजूद फ्लोटिंग हट्स के किचन को 3 दिन के लिए बंद कर दिया ओर अब फिर से चलने लगा है
आश्चर्य की बात है इस होटल का रजिस्ट्रेशन पर्यटन विभाग में अभी तक भी नहीं हुआ और आजतक इन 5 सालों से यह बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा है अग्निशमन विभाग से फायर की अनुमति नही ली गई, यानी मानकों को ताक पर रखकर फ्लोटिंग हट्स को ऋषिकेश के वनन्तरा होटल की तरह चलाया जा रहा है और ना ही अभी तक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसपर कोई कार्रवाई की,

व्यापार मंडल के अध्यक्ष ज्योति डोभाल ने शासन प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 1 सप्ताह के अंदर ली रॉय होटल के खिलाफ कड़ी कार्यवाही नहीं की गई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा साथ ही खुद व्यापार संघ होटल में जाकर तालाबंदी करेगा

अग्निशमन अधिकारी एसएस यादव ने कहा है कि उन्होंने अग्निशमन की अनुमति नही ली है जैसे वह अप्लाई करेंगे,उसके बाद जांच करके एनओसी दे दी जाएगी,

पर्यटन विभाग के अधिकारी अतुल भंडारी ने कहा कि उनके द्वारा रजिस्ट्रेशन के लिए कागज मांगे गए हैं उसके बाद रजिस्ट्रेशन होगा ओर प्रदूषण विभाग द्वारा कार्यवाही की जा रही है

जिलाधिकारी डॉ सोरभ गहरवार ने कहा कि जांच कमेटी से जांच करवाई गई और जिसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है अब इस पर शासन स्तर से ही कार्रवाई की जाएगी

जब हमने ली रॉय होटल के मैनेजर ओर अन्य लोगो से बात की तो सबने मना कर दिया और उसके बाद ली रॉय होटल के मैनेजर मनमीत से व्हाट्सएप कॉल पर बात की तब बात हो पाई और बात में कई खुलासे करते हुए होटल के मैनेजर ने कहा कि हमारी तरफ से होटल पूरी तरह से ओके हैं और जितनी भी परेशानियां खड़ी हो रही हैं वहां सब शासन प्रशासन और पर्यटन विभाग के कारण उत्पन्न हुई हैं,ओर जिन लोगो ने होटल का नाम खराब करने की कोशिश की है और जिन्होंने वीडियो बनाई है उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी,जब हमने शोसल मीडिया में में वायरल वीडियो के बारे में बात की तो उन्होंने कहा यह सब साजिश के तहत बनाई गई है,ऐसी दशा में जो पर्यटक यह आता है वह पूरी तरह से उनका बीमा रहता है

आस्था के प्रतीक भागीरथी गंगा नदी में फ्लोटिंग हट्स के शौचालयों की गंदगी के निस्तारण के लिए बनाया गया सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बंद है सीवर निस्तारण के लिए कर्मचारियों के पास ना कोई उपकरण मिलता है और ना ही क्षमता की नाव मिलती है या कुछ तथ्य हैं जो जिला प्रशासन ने ली रॉय होटल संचालित फ्लोटिंग हट्स की जांच के दौरान लिखे हैं लेकिन इस पूरी जांच की रिपोर्ट को फ्लोटिंग हट्स को बिना प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एनओसी और पर्यटन विभाग के रजिस्ट्रेशन और अग्निशमन विभाग से बिना अनुमति के मानकों को ताक पर रखकर संचालन किया जा रहा है
आपको बता दें कि फ्लोटिंग हट्स के बीस कॉटेज में लगभग 8500 लीटर सीवर निकलता है लेकिन जिस वोट में उसे एसटीपी तक ले जाने की व्यवस्था है वहां मात्र 2 हजार लीटर की है जांच में साफ लिखा गया है कि एसटीपी के निरीक्षण में लगता है कि एसटीपी का संचालन कभी आभार ही किया गया पूरी जांच में फ्लोटिंग हट्स प्रबंधन दोषी पाया गया है
इसके बावजूद उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने दोबारा निरीक्षण किए बगैर 18 अक्टूबर को जिला प्रशासन को भेजे पत्र में फ्लोटिंग हट्स को संचालन की अनुमति देने के निर्देश दिए हैं और आश्चर्य की बात है प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को 25 दिन से भी अधिक का समय हो गया लेकिन फ्लोटिंग हट्स प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई,जिससे अब शासन प्रशासन पर सवाल उठने लगे है,कि आखिर ऐसा क्या है जो इनपर कार्यवाही करने से बच रहे है,

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