THDC ने नैनीताल हाईकोर्ट से भेजा उत्तराखंड सरकार के गृह सचिव, टिहरी डीएम,एसएसपी, सामाजिक कार्यकर्ता को नोटिस,

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बिग न्यूज़-टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों द्वारा नैनीताल हाईकोर्ट से

टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड

बनाम

उत्तराखंड सरकार गृह सचिव देहरादून,
जिला मजिस्ट्रेट टिहरी गढ़वाल, एसएसपी टिहरी,
एसडीएम नई टिहरी,
तहसीलदार नरेंद्र नगर,
सागर भंडारी,सचिन नेगी, के नाम नोटिस जारी किए गए हैं

नैनीताल हाईकोर्ट ने 1 नवम्बर 2022 को आदेश जारी करते हुए सभी 7 रिस्पोंडेंट को 9 दिसम्बर 2022 को य उससे पहले पेश होने के लिए नोटिस जारी किए है,

THDC ने एक याचिका दायर की है इन 7 लोगों के खिलाफ इन्हें 1 दिसंबर 2022 को अपना जवाब अपने वकील या स्वयं उपस्थित होकर हाईकोर्ट में प्रस्तुत करना है, Art.226 में हर नागरिक या संस्था है हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सकती है यदि उनके मुलाधिकारो का कोई हनन करता हो,इस आधार पर नोटिस जारी किया है,

आपको बता दें कि 13 सितंबर को पुनर्वास की मांग को लेकर टिहरी झील से प्रभावित ग्रामीणों ने भागीरथीपुरम टीएचडीसी ऑफिस के बाहर अपनी मांगों को लेकर 14 दिन तक धरने पर बैठे थे जिसको लेकर टीएचडीसी के अधिकारियों ने नैनीताल हाईकोर्ट में सात रिस्पोंडेंट के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और बताया कि टीएचडीसी एक ऐसा उपक्रम है जिसके 200 मीटर के दायरे में धरना प्रदर्शन करना वर्जित है इसी को लेकर टीएचडीसी ने नैनीताल हाईकोर्ट से साथ रेस्पोंडेंट के खिलाफ नोटिस जारी किए हैं और सभी को 9 दिसंबर 2022 को नैनीताल हाईकोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है

सामाजिक कार्यकर्ता सागर भंडारी और सचिन नेगी ने कहा कि टिहरी झील से प्रभावित गांव के लोग विस्थापन की मांग को लेकर टीएचडीसी  कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे थे जिसको लेकर टीएचडीसी ने हमें नोटिस भेजा है टीएचडीसी इस नोटिस के माध्यम से लोगों के बीच में यह संदेश देने का काम कर रही है कि टीएचडीसी के आगे सब बौने हैं जबकि टीएचडीसी को सरकार के अधीन काम करना चाहिए और यहां पर उल्टा हो रहा है कि टीएसडीसी के दबाव में सरकार काम कर रही है जबकि आज भी टीएचडीसी गाव के विस्थापन करने में उल्टे उल्टे नियमो को बना कर बेघर करने का काम कर रही है टीएचडीसी ने गाव के 25 प्रतिशत ग्रामीणो की जमीन झील में डूबा दी और आज तक डूबी हुई जमीन के बदले कुछ नही दिया,जबकि 75 प्रतिशत ग्रामीणो की जमीन के बदले जमीन दे दी,एक ही गाव में दो दो नियम बनाकर ग्रामीणो की आवाज दबाने का काम कर रही है 

वही जब  टीएचडीसी के अधिकारियों से बात हुई तो उनका कहना था कि यह मुकदमा इस लिए किया गया है की हमने  हाईकोर्ट नैनीताल से अपने सभी ऑफिस के बाहर 500 मीटर तक किसी प्रकार का धरना प्रदर्शन आगजनी, न हो कें लिये मुकदमा किया है ओर हमे अनुमति मिल जाय जिससे टीएचडीसी आफिस के 500 मीटर तक कोई धरना प्रदर्शन न कर सकें

 

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