टिहरी झील में वाटर स्पोर्टस कप का हुआ उदघाटन,  

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भारत सरकार में बिजली, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय  के कैबिनेट मंत्री आर.के. सिंह एवं  उत्तराखण्ड के सीएम  पुष्कर सिंह धामी द्वारा आज कोटी कॉलोनी टिहरी गढ़वाल में एशियाई चैम्पिनशिप एवं ओलम्पिक क्वालीफाइंग 2022-23 4     रैकिंग एवं ओपन केनो (डोंगी) स्प्रिंट सीनियर पुरूष व महिला चैम्पिनशिप ‘‘टिहरी वाटर स्पोट्स कप‘‘ का दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया गया।

कैबिनेट मंत्री भारत सरकार श्री आर.के. सिंह ने पावन भूमि को नमन करते हुए कहा कि यहां ईश्वर का वास होता है और यह मेरा सौभाग्य है, उन्हें यहां आने का अवसर प्राप्त हुआ है। कहा कि स्पोट्स को बढ़ावा देने की नीति  प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी की है। उन्होंने कहा कि टीएचडीसी ने टिहरी वाटर स्पोट्स कप को निःशुल्क आयोजित करने का निर्णय लिया है, इसी तरह से अन्य सभी संगठन भी अलग-अलग स्पोट्स को अंगीकृत करें। कहा कि टीएचडीसी द्वारा यहां पर क्याकिंग एवं केनोइंग का प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किया जायेगा, प्रशिक्षार्थियों हेतु पूरी व्यवस्था की जायेगी, आधुनिक खेल उपकरण उपलब्ध कराये जायेंगे। प्रतिभागियों की प्रतिभा के देखते हुए उन्हें विदेश भी भेजा जायेगा। कहा कि ऐसा लक्ष्य बनाकर चले कि ओलम्पिक में भारत की ओर से क्याकिंग में अगला मेडल यहां से निकलने वाले प्रतिभागियों को मिले। कहा कि यहां पर स्पोट्स एकेडमी की स्थापना भी होगी। उन्होंने कहा कि टिहरी परियोजना से सिंचाई क्षेत्र, अनाज, पेयजल आपूर्ति को बढावा मिला है जिससे कास्तकारों की आमदनी बढी है। कहा कि देश में 12 हाईड्रो पावर निर्माणाधीन है, जिन्हे और बढाया जायेगा। हाइड्रोपावर नई चुनौतियों और वातावरण की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है जिनका लाभ 70-80 वर्षो तक मिलता रहेगा। टिहरी में हाईड्र पावर की अपार सम्भावना है, जिनके बनने से यहां की विकास की सम्भावना पूर्ण होगी। जिन राज्यों में हाइड्रो पावर की क्षमता अधिक है, उन राज्यों की आने वाले समय में आर्थिकी बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण स्रोत होगा। कहा कि बांध के ऊपर आवाजाही हेतु एक घण्टा बढाये जाने का निर्णय लिया गया है तथा स्थानीय लोगों के लिए भी व्यवस्था की जायेगी। कहा कि पूर्व में पुनर्वास के जितनी भी मांगे थी उन्हें स्वीकृत कर दिया गया है तथा आज प्राप्त मांगों पर भी न्यायोचित निर्णय करेंगे। सीएसआर मद के अन्तर्गत घाटों का निर्माण भी किया जायेगा, सभी आवश्यकता की पूर्ति कर प्रदेश के विकास मे पूरा योगदान दिया जायेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज टिहरी के अवतरण दिवस के अवसर पर पहली बार यहां पर राष्ट्रीय स्तर के खेल टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप का आयोजन किया जा रहा है, जो हमारे लिए गर्व का विषय है। कहा कि खेल जीवन में संतुलन बनाने के साथ ही शाररिक, मानसिक विकास करता हैै। मा. प्रधानमंत्री जी के सानिध्य में समृद्ध खेल संस्कृति का विकास हो रहा है, भारत ने हर प्रतियोगिता में लोहा मनवाया है।  प्रधानंमत्री जी द्वारा स्वयं बड़ी आत्मीयता से खिलाड़ियों से मिलकर उनका प्रोत्साहन बढ़ाया जाता है, जिससे खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर भारत का नाम रोशन कर रही है। उत्तराखण्ड की युवा पीढ़ी भी समुचित विश्व में अपनी प्रतिभा से परिचित कराकर रही है। कहा कि राज्य सरकार द्वारा 2021 में नई खेल नीति लाई गई, जिसके तहत योग्यता, क्षमता एवं प्रतिभा रखने वाले खिलाड़ियों को प्रोत्साहित कर आगे बढ़ाया जा रहा है। कहा कि टीएचडीसी द्वारा आयोजित इस खेल प्रतियोगिता में युवाओं को अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा। कहा कि यह क्षेत्र ऊर्जा के साथ-साथ पर्यटन एवं खेल के क्षेत्र में एक कदम आगे बढ़ेगा। टिहरी अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर बहुत ही सुन्दर डेस्टिनेशन के रूप मे ंविकसित होगा। कहा कि मा. ऊर्जा मंत्री जी द्वारा विगत आपदा के दौरान लगभग 11 करोड़ की धनराशि दी गई, जिससे आपदा प्रभावितों के नुकसान की भरपाई की गई। टिहरी विश्व प्रसिद्ध स्थान बने इसके लिए काम कर रहे, इसके विकास के लिए मा. ऊर्जा मंत्री जी द्वारा भी आश्वस्त किया गया है। उन्होंने टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों की उज्जवल भविष्य की कामना की।

सीएम ने हंसते-हंसते बताया कि में काली नदी के समीप हम  पैदा हुआ और शारदा नदी के किनारे  मैं बड़ा हुआ हूं इसलिए मैंने गोता लगाना बहुत सीखा है और कहा कि  हम जब चौथी और पांचवी में पढ़ते थे तो उस समय हम केले के पेड़ को काट कर  नदी के ऊपर बहुत दूर तक तैरते थे, गर्मियों के दिनों में जैसे ही दिन में छुट्टी होती थी तो हिम अपना बस्ता घर पर रखकर  कपड़े उतारकर सीधे नदी में गोता मारने जाते थे और बहुत देर तक नदी में तैरते रहते थे और जब ठंडा होता था तो किनारे आकर बैठ जाते थे और जैसे गर्म होता था तो फिर नदी में गोता लगाने के लिए  जाते थे और ऐसा काम हम शाम तक 4 5 बजे तक करते थे इसलिए हमें भी खूब तैरना आता है

 

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