ब्रेकिंग-गुलदार के हमले में बाल बाल बची धरने पर बैठी महिलाएं

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पुनर्वास आफिस के बाहर विस्थापन की मांग को लेकर रौलाकोट ,भलड़ियाना गाव की महिलाएं 2 महीने से रात दिन के धरने पर बैठी है,ओर यह महिलाएं पुनर्वास आफिस के बाहर खाना बनाते समय गुलदार ने ऊपरी दीवार से महिलाओं के ऊपर छलांग लगा कर हमला कर दिया

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जिससे महिलाओं में हल्ला मच गया और हल्ला सुनते ही आस पास के लोग इकठ्ठा हो गए,जिससे गुलदार भाग गया,गनीमत यह रही कि गुलदार किसी महिला को अपना निवाला नही बना पाया,तब से लेकर धरने पर बैठी महिलाओं में डर पैदा हो गया,

डीएफओ टिहरी का गैर जिम्मेदाराना जबाब-आश्चर्य की बात है कि जब इस घटना के बारे में टिहरी डीएफओ को फोन पर बताया गया कि गुलदार ने महिलाओं पर हमला किया तो डीएफओ साहब ने जबाब दिया कि मेरे कर्मचारी कोई फ़ोन नही उठा रहे है,इस तरह डीएफओ का गैरजिम्मेदाराना जबाब देकर डीएफओ के प्रति महिलाओं का गुस्सा बढ़ गया और महिलाओं ने कहा को डीएफओ गुलदार द्वारा महिला के खाने का इंतजार में है,उनके बाद वह कार्यवाही करेंगे,

प्रभारी डीएम व सीडीओ मनीष कुमार को फोन पर घटना की जानकारी दी उसके बाद प्रभारी डीएम व सीडीओ में तहसीलदार को तत्काल पुनर्वास आफिस में भेजा जहा पर तहसीलदार में महिलाओं के बारे में जानकारी ली और महिलाओं ने गुलदार की घटना के बारे में बताया,साथ ही महिलाओं ने डीएफओ की शिकायत मोके पर आए  तहसीलदार से की,कह कि डीएफओ ने मौके पर आने की जहमत तक नही उठाई और न ही किसी कर्मचारी को भेजा,

31 अक्टूबर 2022 से रौलाकोट भलड़ीयाणा गांव की महिलाएं अपने विस्थापन की मांग को लेकर पुनर्वास कार्यालय के बाहर धरने पर बैठे हैं महिलाओं ने शासन प्रशासन के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि दो महीने से अधिक का समय हो गया है लेकिन महिलाओं की कोई सुध नहीं ली गई, जबकि टिहरी बांध की झील में रौलाकोट और भलड़ियाना गांव के लोगों की जमीन डूब गई और इसके बदले पुनर्वास विभाग द्वारा ग्रामीणों को कुछ भी नहीं दिया गया जिस कारण ग्रामीण महिलाओं को मजबूरन होकर विस्थापन की मांग को लेकर धरने पर बैठना पड़ा और आज धरने पर बैठी महिलाये गुलदार के हमले में वह बाल-बाल बच गई,

 

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