भ्रष्टाचार के आरोप में प्रधान को निलंबित कर वित्तीय अधिकार किए सीज,

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रुड़की तहसील के ग्राम बढेरी की प्रधान को निलंबित कर उसके वित्तीय अधिकार सीज कर दिए गए हैं। ग्राम प्रधान और प्रधानपति के खिलाफ सरकारी धनराशि के व्यय में भ्रष्टाचार को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान पेश हुए उत्तराखंड पंचायती राज सचिव ने हाईकोर्ट में यह जानकारी दी।

हरिद्वार निवासी मांगेराम सैनी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि बढेरी ग्राम के अंतर्गत तीन गांव आते हैं। वहां की प्रधान, उनके पति और गांव के पंचायत सदस्यों ने सरकार से आवंटित धनराशि के खर्च में भ्रष्टाचार किया है।

इस संबंध में याचिकाकर्ता ने सबसे पहले 2018 में प्रधान और प्रधान पति के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई थी। उसमें आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। फाइल स्पेशल इन्वेस्टीगेशन कार्यालय में पड़ी होने पर याचिकाकर्ता ने जिलाधिकारी को प्रत्यावेदन दिया।

तब डीएम हरिद्वार ने एसएसपी से किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से मामले की जांच कराने को कहा। जांच अधिकारी ममता बोरा ने सारे अभिलेखों का परीक्षण किया।

जांच में स्वच्छ भारत अभियान के तहत बनाए गए शौचालयों में भारी अनियमितताएं पाई गईं। याचिका के अनुसार कब्रिस्तान की दीवार की मरम्मत में भी निम्न स्तर की निर्माण सामग्री का प्रयोग किया गया है और ग्राम प्रधान ने गांव की बिजली की लाइन से बिना अनुमति के कनेक्शन भी लिया है।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि घोटाले की जांच के लिए तीन लोगों की कमेटी भी बनाई है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए छह जनवरी की तिथि नियत की।

मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।

सचिव ने कहा कि किसी भी ग्राम में किसी तरह की कोई शिकयत आती है तो उस पर जांच के बाद कार्यवाही की जाएगी,

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