प्रतापनगर विकास खण्ड के अधिकारी नही मानते अपने उच्च अधिकारियों के आदेश, 23 दिन बाद भी नही भेजी जांच रिपोर्ट,

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टिहरी जिले के प्रतापनगर ब्लॉक की ग्राम पंचायत खंबाखाल में लंबे समय से निर्माण कार्यों, मनरेगा सहित नहर सफाई कार्यों में ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी, रोजगार सेवक सहित कई कर्मचारियों पर धांधली करने का आरोप लगाया गया है।

मामले में गांव के कई लोगों की शिकायत पर सीडीओ ने एसडीएम और बीडीओ प्रतापनगर को 15 सितम्बर तक जांच कर रिपोर्ट तलब की थी। लेकिन 23 दिन बाद भी सीडीओ को संबंधित अधिकारियों ने जांच रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई है।

उपली रमोली पट्टी के खंबाखाल निवासी भवानी शंकर, हरि प्रसाद, सुरेंद्र प्रसाद सेमवाल, शशिभूषण भट्ट ने गांव के प्रधान सहित पंचायत अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए विभिन्न निर्माण कार्यों की जांच की मांग की थी।

आरोप है कि गांव में पशुशैड को दो मंजिला भवन के ऊपरी तल पर दर्शाया गया है। साथ ही मनरेगा में खंबाखाल नहर का सफाई कार्य, सरकारी और निजी भूमि पर सुधार कार्य, चौंतरा से चौंरी तक वनीकरण कार्य, गाड नामे तोक से सड़क तक सीसी निर्माण कार्य में घोर अनियमितताएं बरती गई हैं।

उनका कहना है कि ग्राम प्रधान ने अधिकारी-कर्मचारियों के साथ मिलकर सरकारी धन को ठिकाने लगाकर अपने चहेतों को बांटा है। लेकिन विभिन्न स्तर पर शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। जिस कारण दोषियों के हौसले बुलंद हैं।

इस मामले में शिकायतकर्ता ने 31 अगस्त को सीडीओ को पत्र भेजकर जांच की मांग की थी। जिस पर सीडीओ मनीष कुमार ने 2 सितम्बर को एसडीएम और बीडीओ प्रतापनगर को 15 सितम्बर तक हर हाल में संयुक्त जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। लेकिन दोनों अधिकारियों ने सीडीओ के आदेशों को धता बताकर 23 दिन बाद भी रिपोर्ट नहीं दी है।

इस बाबत सीडीओ मनीष कुमार का कहना है कि मामले में दोनों अधिकारियों को पत्र स्मारक भेजकर रिपोर्ट न देने का कारण पूछा जाएगा। जल्द ही उक्त संबंध में कार्रवाई की जाएगी।

अगर प्रताप नगर के सभी गांव का तकनीकी रूप से ऑडिट किया जाय तो कई गांव में कई तरह की अवस्थाएं सामने दिखेगी,

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