ब्रेकिंग-टिहरी झील के आसपास बसे गांव के मकानों में पड़ी दरार,दरार पड़ने से दहशत में ग्रामीण

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जोशीमठ जैसे हालात हुए टिहरी झील के आसपास बसे गांव के,मकानों में दरार पड़ने से दहशत में ग्रामीण

जिस तरह से जोशीमठ में मकानों में दरार पड़ रही है उससे भी ज्यादा दरार टिहरी झील के कारण झील के समीप की पिपोला खास गांव के साथ साथ टिहरी झील के आसपास बसे मकानों में बड़ी बड़ी दरार पड़ रही

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है,इन  घरों में रहने वाले लोगों ने दूसरों के घर में शरण ली है टिहरी झील के कारण मकानों में दरार पड़ने से गांव के ग्रामीणो में दहशत का माहौल बना हुआ है,

आपको बता दें कि पिपोला खास गांव टिहरी बांध की झील के निकट बसा हुआ है और टिहरी डैम की मुख्य दीवार से 2 किलोमीटर की दूरी पर है और टिहरी झील के कारण गांव के मकानों में दरार पड़ने के साथ-साथ जमीनों में भी भू धसाव हो रहा है,जिससे ग्रामीण डर के साए में जी रहे हैं

ग्रामीणों ने  कहा कि जोशीमठ के मकानों में दरार पड़ने से सरकार के सभी अधिकारी नेता अलर्ट हो गए हैं और मकानों में पड़ी दरारों को देखने पहुंच रहे हैं परंतु आश्चर्य की बात है टिहरी झील के कारण पिपोला खास गांव में के मकानों में बड़ी बड़ी दरार पड़ने पर भी कोई नेता अधिकारी मौके पर ग्रामीणो की सुध लेने  नहीं पहुंचा

इससे साफ जाहिर होता  हैं कि शासन प्रशासन  पिपोला गांव सहित झील के आसपास बसे गाव में किसी बड़े हादसे के इंतजार में  हैं कि अगर कोई बड़ा हादसा होगा तब जाकर संज्ञान लिया जाएगा

पिपोला खास गांव के ग्रामीणों ने कहा कि भूगर्भ वैज्ञानिकों की तरह सदस्य टीम ने अपनी रिपोर्ट में साफ-साफ लिखा है कि इन गांव में जो भी दरार पड़ रही है वह टिहरी झील के कारण पड़ रही है और यह गांव अति संवेदनशील है  ग्रामीणो ने आरोप लगाया कि भूगर्भ वैज्ञानिकों की  रिपोर्ट पर भी शासन प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया,

टिहरी डीएम सौरभ गहरवार ने बताया कि इसी महीने एक्सपर्ट कमेटी के द्वारा टिहरी झील के समीप 23 गांव का सर्वे करवाया जाएगा और इन्हीं सर्वे टीमों से हम सीपोला गांव को भी शामिल करते हुए हैं यहां का सर्वे करवाएंगे उसके बाद ही कुछ कह पाएंगे कि गांव के मकानों में जो दरार पड़ेगी है वह टिहरी झील के कारण पड़ रही है या कोई अन्य कारण है उसके बाद ही कोई आगे की कार्रवाई की जाएगी

प्रसिद्ध भू वैज्ञानिक डॉक्टर एसपी सती ने कहा कि टिहरी झील के आसपास जो भी गांव हैं उनके ऊपर तक हमने अध्ययन किया और उनमें पाया की टिहरी झील के कारण दरारे आ रही हैं और जिसके कारण गांव की बुरी स्थिति है साथ ही इन गांव का भविष्य भी सुरक्षित नहीं है झील के समीप जो गांव हैं उन्हें समय रहते सुरक्षित किया जाए क्योंकि देर सबेर इनको यहां से विस्थापित करना ही पड़ेगा क्योंकि झील के कारण हर साल दरारें पड़ रही हैं क्योंकि झील के आसपास की जो भी पहाड़ियां हैं उनमें परिवर्तन आ रहा है  टिहरी डैम के रिजर्व वायर के ऊपर जितने भी गांव हैं उनपर हमने जो अध्ययन किया उस अध्ययन में पाया कि वहां पर काफी सिंक हो रही है और हमने जो पाया उसमे अब सोचा जा रहा था कि जो साइंटिस्ट प्रोजेक्ट इसमें लगे थे ,उन्होंने भी कह कि टिहरल  के ऊपर के जो गांव है वहां पर भी जमीनो में दरार पड़ रही है और वहां पर गोडाउन इफेक्ट हो रहा है और जब झील का जलस्तर ऊपर नीचे होता है तो उसमें खिंचाव आ जाता है जिस से दरार पड़ रही है और हमने पाया कि कई गांव में आज भी बुरी स्थिति है जिसके डाक्यूमेंट्स हमारे पास है और झील के आसपास के गांव का भविष्य भी सुरक्षित नहीं है और वर्तमान समय में जो लाभ झील के आसपास के गांव के लोगों को नहीं मिल रहा है  उनके लिए टीएचडीसी को एक स्पेशल पॉलिसी बनाकर उन्हें लाभ दिया जाए, क्योंकि आने वाले समय में देर सवेर इनको हटाना पड़ेगा क्योंकि यह घर रहने लायक नहीं है और हर साल दरारे पड़ रही हैं और आने वाले समय में जोशीमठ जैसी स्थिति आने से पहले ही जाग जाना चाहिए अहमदाबाद इंस्टीट्यूट और रानी चोरी वानिकी विश्वविद्यालय के द्वारा  गढ़वाल और कुमाऊं में रिसर्च किया गया जिस का रिजल्ट का पेपर हमारे पास आया क्योंकि हमने टिहरी झील के चारों तरफ जीपीएस लगाए थे उसमे हमने  पाया कि जैसे झील भरती  है वैसे इधर-उधर के पहाड़ होते हैं वह नजदीक आ जाते हैं और जैसे ही झील खाली होती है वह अपने जगह पर चले जाते हैं धरती  सांस जैसी लेती है  अगर यह पहाड़ियां इस तरह से आगे पीछे हो रही हैं तो तो मतलब दरारों में कुछ ना कुछ हलचल हो गई है जो भविष्य के लिए चिंता करने का विषय है कई  बांधों के अध्ययन से पता चला है कि और झील के बनने से भी भूकंप आते हैं और टिहरी बांध पर भू बैज्ञानिकों की कमेटी द्वारा अध्ययन जारी रखना चाहिए और टिहरी झील के चारों तरफ अभी भी जो लोग खतरे की जद में है  उनके लिए टिहरी बांध परियोजना के अधिकारियों को मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए जिससे उन लोगों को लाभ मिल सके,ओर सुरक्षित जगह पर रह सके, इसलिए समय रहते हुए भी टिहरी झील के आसपास के गांव को सुरक्षित किया जाए,ऐसा न हो कि जोशीमठ की तरह बाद में कुछ समाधान न हो सके,

 

बाइट 1 शांति भट्ट ग्रामीण

बाइट 2 आशा राम ग्रामीण

बाइट 3 मंजू ग्रामीण

बाइट 4 कविता देवी ग्राम प्रधान

बाइट 5 ज्योति प्रसाद ग्रामीण

बाइट 6 सोरभ गहरवार डीएम टिहरी

बाइट 7 डॉ एस पी सती भू बैज्ञानिक

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